इंदिरा स्टेडियम के उप क्रीड़ा अधिकारी राजस्व को लगा रहे चूना
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जौनपुर। जिले के खिलाडि़यों की प्रतिभाओं को निखारकर उसे राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं तक पहुंचाना, जिले सहित राष्ट्र का गौरव स्थापित करना स्टेडियम की जिम्मेदारी होती है परन्तु जौनपुर के इंदिरा गांधी स्टेडियम के उप क्रीड़ा अधिकारी का सूत्र चरितार्थ है कि ‘वर मरे चाहे कन्या, मुझे केवल दक्षिणा से काम।’ बता दंे कि जौनपुर-शाहगंज मार्ग पर स्थित सिद्दीकपुर में इंदिरा गांधी स्टेडियम है जहां से अब तक जनपद से कई प्रतिभावान खिलाडि़यों ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जनपद सहित देश का नाम गौरवान्वित कराया है परन्तु वर्तमान के उप क्रीड़ा अधिकारी के कार्यप्रणाली से ऐसा एकदम नहीं लगता है कि यहां से अब खिलाड़ी ऊंचे स्तर तक पहुंच पायेंगे। विभागीय सूत्रों व स्टेडियम से सम्बन्धित लोगों की मानें तो उप क्रीड़ा अधिकारी डा. मंजूर ने जब से स्टेडियम की कमान संभाला है तब से अच्छे खिलाडि़यों के साथ मनमानी हो रहा है जिससे अच्छे खिलाडि़यों के भविष्य के साथ खिलवाड़ के अलावा राजस्व को जबर्दस्त चूना लग रहा है। बताते चलें कि यहां तैनात उप क्रीड़ा अधिकारी पूर्व में अलीगढ़ में सहायक प्रशिक्षक के रूप में कार्य कर रहे थे जहां उनके ऊपर खिलाडि़यों द्वारा तमाम दोषारोपण हैं जिसे सरकार ने संज्ञान में भी लिया है। जांचोपरांत इनके ऊपर प्रशिक्षण शिविरों को लेकर अनेक मामलों में संलिप्त पाये गये थे। अकुशल व अक्षम सहायक प्रशिक्षक को राष्ट्रहित में बच्चों के भविष्य पर ध्यान न रखना उनके साथ खिलवाड़ है तथा यह इनकी दिली फितरत है। बता दें कि स्टेडियम के अभिलेखों से स्पष्ट है कि स्टेडियम में शिक्षार्थी का प्रवेश शुल्क निर्धारित हैं कि 18 वर्ष से कम आयु वाले खिलाडि़यों से 50 रूपया एवं 18 वर्ष के ऊपर के खिलाडि़यों का प्रवेश शुल्क 200 रूपया मासिक लिया जाना है जो राजस्व में जमा किया जाता है लेकिन इस समय ऐसा नहीं हो रहा है। डा. मंजूर की देख-रेख में इस समय पुलिस भर्ती के लिये अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण हो रहा है परन्तु दिया गया प्रवेश शुल्क अगस्त से लेकर अभी तक राजस्व में नहीं जमा किया गया जबकि लगभग भर्ती के 50 अभ्यर्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं। सहायक प्रशिक्षक से प्रोन्नत होकर यहां आये उप क्रीड़ा अधिकारी वर्ष 2009-10 में आरोपों में घिरे डा. मंजूर आलम स्थानान्तरित होकर उप क्रीड़ा अधिकारी पद पर कार्यरत हैं जो अपने कार्यप्रणाली से चर्चा में बने हुये हैं।