प्रशिक्षु पत्रकारों में सृजनात्मकता की जरूरत :एनके आचार्य
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जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में चल रहे टेलीविजन कार्यक्रम निर्माण पर चल रहे 7 दिवसीय विशेष व्याख्यानमाला का समापन शुक्रवार को हुआ जहां एनके आचार्य पूर्व निदेशक दूरदर्शन वाराणसी ने विद्यार्थियों को इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिये सही उच्चारण, लेखन, सम्पादन के सिद्धांत व रिपोर्टिंग की तकनीकी समेत कैमरा के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। आज इलेक्ट्रानिक मीडिया का तेजी से आम आदमी में लोकप्रियता बढ़ी है। इलेक्ट्रानिक मीडिया देश और समाज के विकास में अपना कार्यक्रम निर्माण के द्वारा सार्थक योगदान दे रहा है। इस फील्ड में अपना भविष्य तलाशने वाले युवाओं को इसकी बारीकियों को समझना बहुत जरूरी हो गया है। नित नयी तकनीकी के आगमन से बेहतरीन कार्यक्रम दर्शकों के सामने हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया आज के समय में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफल रहा है। इस पहचान को आगे बढाने में मीडिया के प्रशिक्षु पत्रकारों में सृजनात्मकता की जरूरत है। इसी क्रम में डा. मनोज मिश्र ने कहा कि प्रिंट हो या इलेक्ट्रानिक सभी मीडिया में वही सफल होते हैं जिनके पास लेखन कला हो। स्क्रिप्टिंग किसी कार्यक्रम के सफल होने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करता है। कार्यक्रम का संचालन डा. अवध बिहारी सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर तमाम लोग उपस्थित रहे।