अब बंद हो जाएंगे बीए, बीएससी कोर्स
https://www.shirazehind.com/2013/12/blog-post_1975.html
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बीए और बीएससी की
पढ़ाई को आउट ऑफ कोर्स बताते हुए बंद करने का प्रस्ताव किया है। इसकी जगह
नया कोर्स लांच करने की तैयारी है। इसका नाम बैचलर ऑफ वोकेशनल एजूकेशन
(बीवोक) रहेगा जो पूरी तरह से रोजगार परक होगा। इंडस्ट्री की मांग के
मुताबिक कोर्स करिकुलम तैयार किया जाएगा।
यूजीसी ने बीए, बीएससी की पढ़ाई को रिप्लेस करने का मसौदा तैयार कर लिया है। इसका सर्कुलर भी राज्य विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों की वेबसाइट, लॉगिन पर उपलब्ध है।
27 नवंबर को यूजीसी के वाइस चेयरमैन एस. देवराज की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रयोग के तौर पर बीवोक का नया कोर्स सत्र 2015-16 से शुरू किया जाएगा। पहले फेज के दौरान देश के 200 कालेजों में यह कोर्स शुरू होगा।
अगले 10 सालों में संशोधित कोर्स देश के सभी राजकीय, अनुदानित और सेल्फ फाइनेंस कालेजों में पढ़ाने की योजना है। यह व्यवस्था कई फेज में लागू जाएगी। बीए, बीएससी की पढ़ाई अब रोजगार परक नहीं है। इसलिए इसमें बदलाव जरूरी है।
वाइस चेयरमैन ने कहा कि यूजीसी का अनुदान अब परफारमेंस पर आधारित कर दिया गया है। जिस कालेज के पास अच्छी फैकल्टी, रिसर्च, इंफ्रास्ट्रक्चर और एजूकेशन क्वॉलिटी बढि़या होगी, उसे अच्छा अनुदान दिया जाएगा। यूजीसी ने एजूकेशनल इंस्टीट्यूट को और जवाबदेह बनाने की कवायद की है। देवराज ने कहा है कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में इंग्लैंड और अमेरिका की तरह सुधार की जरूरत है।
वाइस चेयरमैन के मुताबिक राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत देश के निजी शैक्षिक संस्थानों को 25 हजार करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना है। इससे शैक्षिक गुणवत्ता में जबरदस्त सुधार की उम्मीद है।
यूजीसी ने बीए, बीएससी की पढ़ाई को रिप्लेस करने का मसौदा तैयार कर लिया है। इसका सर्कुलर भी राज्य विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों की वेबसाइट, लॉगिन पर उपलब्ध है।
27 नवंबर को यूजीसी के वाइस चेयरमैन एस. देवराज की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रयोग के तौर पर बीवोक का नया कोर्स सत्र 2015-16 से शुरू किया जाएगा। पहले फेज के दौरान देश के 200 कालेजों में यह कोर्स शुरू होगा।
अगले 10 सालों में संशोधित कोर्स देश के सभी राजकीय, अनुदानित और सेल्फ फाइनेंस कालेजों में पढ़ाने की योजना है। यह व्यवस्था कई फेज में लागू जाएगी। बीए, बीएससी की पढ़ाई अब रोजगार परक नहीं है। इसलिए इसमें बदलाव जरूरी है।
वाइस चेयरमैन ने कहा कि यूजीसी का अनुदान अब परफारमेंस पर आधारित कर दिया गया है। जिस कालेज के पास अच्छी फैकल्टी, रिसर्च, इंफ्रास्ट्रक्चर और एजूकेशन क्वॉलिटी बढि़या होगी, उसे अच्छा अनुदान दिया जाएगा। यूजीसी ने एजूकेशनल इंस्टीट्यूट को और जवाबदेह बनाने की कवायद की है। देवराज ने कहा है कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में इंग्लैंड और अमेरिका की तरह सुधार की जरूरत है।
वाइस चेयरमैन के मुताबिक राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत देश के निजी शैक्षिक संस्थानों को 25 हजार करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना है। इससे शैक्षिक गुणवत्ता में जबरदस्त सुधार की उम्मीद है।