उल्लू की निकाली गई शोभायात्रा

वाराणसी. आपने कई महोत्सवों के बारे में सुना और देखा होगा। आज हम जिस महोत्सव के बारे में आपको बता रहे हैं वैसा न आपने कभी देखा होगा और ना ही सुना होगा। जी हां, एक ऐसा महोत्सव जो खास तौर पर उल्लू के लिए होता है। कल देर शाम उलूक महोत्सव का आयोजन बड़े ही धूम धाम से किया गया। इसमें उल्लू की शोभायात्रा भी निकाली गई। देश की वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों पर प्रहार करने वाले इस आयोजन की दशकों पुरानी अनूठी परंपरा का आज भी बखूबी निर्वहन किया जाता है।
इस वर्ष का आयोजन कोयला आवंटन घोटाले से लेकर कई बड़े घोटालों को समर्पित था। इसका शीर्षक दिया गया था धुलाई। इन व्यंगकार कवियों ने रामदेव से लेकर आसाराम तक पर और देश के राजनैतिक माहौल के जिम्मेदार राजनेताओं पर जमकर अपने शब्दों के तीखे बाण चलाए। मैदागिन गोलघर से उल्लू की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा का समापन ऐतिहासिक नगरी प्रचारिणी सभा के मैदान के किया गया। साहित्यकारों ने इस कार्यक्रम की शुरुआत उल्लू की आरती मोबाईल और ढिबरी से उतार कर की। सबसे पहले पिंजड़े में बंद दो उल्लुओं की आरती उतारी गई फिर कवियों ने अपनी-अपनी कविताओं के काव्य पाठ किया। हास्य व्यंग को समर्पित इस आयोजन में देश के नामचीन कवियों ने हिस्सा लिया। इस समारोह में सम्मान स्वरूप अतिथियों को अंग वस्त्र स्मृति चिन्ह के साथ मिट्टी के तेल से जलने वाला लैम्प और प्याज भेट कर सम्मानित किया गया।

आयोजक सांड बनारसी ने बताया कि देश की स्थिति बिगड़ गई है। यह घोटाला देश बन गया है। सब्जी से लेकर अनाज तक सोने के भाव बिक रहा है। देर रात तक चली इस काव्य संध्या में श्रोताओं ने खूब ठहाके लगाए। हर कोई अपनी तनाव भरी जिंदगी से दूर सिर्फ ठहाकों का होकर रह गया। इस आयोजन में आने वाले श्रोता भी आज की तनाव भरी जिंदगी में ऐसे कार्यक्रमों को जरूरत बताते हुए प्रशंसा करते नजर आए।

Related

खबरें 4435238545741504658

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item