इमाम हुसैन की याद में किये गये ताज़िए सुपुर्दे आब

आज रोज़े आशुरा है,आज ही के दिन कर्बला के मैदान में हज़रत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों ने हक व मानवता की रक्षा के लिए आपना सर कटा दिया था ,पर ,यजीदी हुकूमत के आगे सर नहीं झुकाया,उन्ही की याद में जौनपुर में आज़दारो ने पूरी रात नौहा मातम करने के बाद जुलूउस निकल कर ताजीयो को कर्बला में ले जा कर सुपुर्दे खाक कर नजराने अकीदत पेश किया ,हर तरफ बस या हुसैन या हुसैन की सदा सुनायी दे रही थी
 हाथो में अलम लिए हुवे ये अज़ादार आज उस मजलूम इमाम हुसैन का गम मानाने के लिए निकले है जिन्हें 1400 साल पहले यज़ीदी हुकूमत ने तीन दिन का भूखा प्यासा शहीद कर दिया था यहाँ तक की 6 माह के बच्चे अली असगर को भी ज़लीमो ने प्यासा ही शहीद कर दिया था ,अज़ादार या हुसैन या हुसैन की सदा लगते हुवे ताजियों को कंधो व सर पर रख कर सदर इमामबाड़े ले गए जहा पूरी अकीदत के साथ सुपुर्दे खाक केर दिया गया ,बच्चे हो या फिर महिलाये सभी इमाम हुसैन के गम में डूबे नज़र आए यहाँ लोग ज़ंजीर व छुरियो से मातम कर अपना लहू बहा रहे थे ,हिन्दू अज़ादार भी यहाँ मोजूद थे
शामे गरीबा की मजलिस भी हुयी जिसमे कर्बला की दास्ताँ सुनाइए गयी इस दर्दनाक मंजर को सुन कर लोग दहाड़े मार मार कर रोने लगे . इस गम में मानो मज़हब की सारी दीवारे टूट सी जाती है जज्बे की यही शिदत जौनपुर की अज़ादारी एक अलग मुकाम देती है

Related

खबरें 7009484396887898889

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item