आरुषि मर्डर केश में माँ - बाप को उम्र कैद
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5-16 मई, 2008 की रात को हुए आरुषि-हेमराज हत्याकांड का फैसला 25 नवंबर को आ गया। कोर्ट ने आरुषि के माता-पिता को कत्ल का दोषी ठहराते हुए मंगलवार (26 नवंबर) को उम्रकैद की सजा सुना दी।
विशेष न्यायाधीश एस लाल ने डॉक्टर राजेश तलवार और उनकी पत्नी नुपूर तलवार
के खिलाफ 15 महीने तक चली सुनवाई के बाद 25 नवंबर को फैसला सुनाया। कत्ल की रात से लेकर फैसले के दिन तक का पूरा घटनाक्रम जानिए:
मई, 2008
16 मई: नोएडा के डॉक्टर दंपति राजेश तलवार और नूपुर तलवार की
बेटी आरुषि तलवार उनके फ्लैट में मृत पाई गई। आरुषि का गलता रेता हुआ था।
पुलिस ने तलवार के घरेलू नौकर हेमराज (नेपाली नागरिक) पर हत्या का शक।
हेमराज को फरार माना गया था।
17 मई: नौकर हेमराज का शव भी तलवार की बिल्डिंग की छत पर पाया गया। तलवार दंपति ने हरिद्वार में आरुषि का अंतिम संस्कार किया।
18 मई: पुलिस ने कहा कि दोनों हत्याएं बेहद सफाई से की गईं। साथ ही पुलिस ने माना की हत्या में परिवार से जुड़े किसी व्यक्ति का हाथ है।
19 मई: तलवार दंपति के पूर्व घरेलू नौकर विष्णु शर्मा पर भी पुलिस ने शक जाहिर किया।
21 मई: यूपी पुलिस के साथ ही दिल्ली पुलिस भी हत्या की जांच में शामिल हुई।
22 मई: आरुषि की हत्या ऑनर किलिंग होने का शक पुलिस ने जाहिर
किया। इस पहलू से भी जांच शुरु की गई। पुलिस ने आरुषि के लगातार संपर्क में
रहे एक नजदीकी दोस्त से भी पूछताछ की। इस दोस्त से आरुषि ने 45 दिनों में
688 बार फोन पर बात की थी।
23 मई: आरुषि के पिता राजेश तलवार को पुलिस ने दोहरी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया।