हर रात अधेरी है जौनपुर के इस गांव की
https://www.shirazehind.com/2013/11/blog-post_7905.html
पूरा देश आज प्रकाश पर्व दीपावली
मना रहा है लेकिन जौनपुर के एक गाँव के लिए हर रात अधेरी है। क्यों कि आज
तक इस गाँव विकास की एक भी किरण नही पहुंची है।
किसी नें नर्क तो देखा नही है पर सुना सभी है। अगर नर्क होगा भी तो जौनपुर के कुवंरपुर गांव जैसा ही होगा। इस गांव के लोग सरकारी इमदाद से काफी दूर भगवान भरोषें ही जिन्दा है। नालियां ना होनें के कारण जगह जगह गंदा पानी एकत्रीत हो गया है जिसकी बदबू गांव के सरहद तक फैली हुई है। सड़क ना होने कारण लोग पगडडियों के सहारे आते जाते है। बिजली की रोशनी तो किसी ने देखी ही नही है। आईये हम आप को दिखाते हैं इस गांव की सच्ची तस्वीर
आजादी के छः दशक बीत चुका है भारत दुनियां के प्रगतिशील देशों में सूमार हो चुका है। गांव के बच्चे पढ़ लिखकर दुनियां में अपनें गांव शहर और देश का नाम रौशन कर रहे है। लेकिन जौनपुर के कुवंरपुर गांव की हालत अग्रेजी हुकुम से भी खराब हैं। इस गांव में सरकार द्वारा नाली सड़क बिजली मिलना तो दूर की बात दाना पानी भी नही मिल रहा है। करीब 3 हजार से अधिक आबादी वालें इस गांव के हिस्सें का दाना पानी बिजली कहा जाती है। यह किसी को नही पता। गांव की गरीब जनता जिलाधिकारी सांसद विधायक सभी के दरबार में हाजिरी लगायी लेकिन बदलें में बदहाली ही नसीब हुईं। इस गांव में जब हमारी टीम ने जायजा लेना शुरू किया तों गांव के किसी कोने में सड़क नाली खड़न्जा बिजली के तार नजर नही आया हैण्ड पम्प लोगों ने अपना लगा रखा है। जब बात शुरू हुई तों बुढ़ी हो चुकी एक महिला ने बताया कि मेरी चार पुस्ते सरकारी सहायता राह देखते देखते समाप्त हो गयी है। और अब मेरा भी नम्बर आ गया है। बुढ़ी महिला अपना दर्द बयां करते करते रोने की मुद्रा में आ चुकी थी।
इस गांव की बदहाली के बारे में जब जिलाधिकारी जौनपुर सुहास एलवाई से बात किया गया तो उन्होने छः माह के भीतर इस गांव को स्वर्ग बनानें का दावा किया है। अब देखना है कि जिलाधिकारी का दावा कितना सच होता है इसके लिए हम सबकों 6 महीने इन्तजार करना पड़ेगा। फिलहाल अभी तो इस गांव की जनता विकास की रोशनी की राह देख रही है।
किसी नें नर्क तो देखा नही है पर सुना सभी है। अगर नर्क होगा भी तो जौनपुर के कुवंरपुर गांव जैसा ही होगा। इस गांव के लोग सरकारी इमदाद से काफी दूर भगवान भरोषें ही जिन्दा है। नालियां ना होनें के कारण जगह जगह गंदा पानी एकत्रीत हो गया है जिसकी बदबू गांव के सरहद तक फैली हुई है। सड़क ना होने कारण लोग पगडडियों के सहारे आते जाते है। बिजली की रोशनी तो किसी ने देखी ही नही है। आईये हम आप को दिखाते हैं इस गांव की सच्ची तस्वीर
आजादी के छः दशक बीत चुका है भारत दुनियां के प्रगतिशील देशों में सूमार हो चुका है। गांव के बच्चे पढ़ लिखकर दुनियां में अपनें गांव शहर और देश का नाम रौशन कर रहे है। लेकिन जौनपुर के कुवंरपुर गांव की हालत अग्रेजी हुकुम से भी खराब हैं। इस गांव में सरकार द्वारा नाली सड़क बिजली मिलना तो दूर की बात दाना पानी भी नही मिल रहा है। करीब 3 हजार से अधिक आबादी वालें इस गांव के हिस्सें का दाना पानी बिजली कहा जाती है। यह किसी को नही पता। गांव की गरीब जनता जिलाधिकारी सांसद विधायक सभी के दरबार में हाजिरी लगायी लेकिन बदलें में बदहाली ही नसीब हुईं। इस गांव में जब हमारी टीम ने जायजा लेना शुरू किया तों गांव के किसी कोने में सड़क नाली खड़न्जा बिजली के तार नजर नही आया हैण्ड पम्प लोगों ने अपना लगा रखा है। जब बात शुरू हुई तों बुढ़ी हो चुकी एक महिला ने बताया कि मेरी चार पुस्ते सरकारी सहायता राह देखते देखते समाप्त हो गयी है। और अब मेरा भी नम्बर आ गया है। बुढ़ी महिला अपना दर्द बयां करते करते रोने की मुद्रा में आ चुकी थी।
इस गांव की बदहाली के बारे में जब जिलाधिकारी जौनपुर सुहास एलवाई से बात किया गया तो उन्होने छः माह के भीतर इस गांव को स्वर्ग बनानें का दावा किया है। अब देखना है कि जिलाधिकारी का दावा कितना सच होता है इसके लिए हम सबकों 6 महीने इन्तजार करना पड़ेगा। फिलहाल अभी तो इस गांव की जनता विकास की रोशनी की राह देख रही है।