कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उनके ही 'घर' में मिल सकती है चुनौती
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नई दिल्ली. अमेठी के पूर्व राजा के वंशज और सुल्तानपुर संसदीय सीट से कांग्रेस के
लोकसभा सदस्य संजय सिंह ने अपनी ही पार्टी की नींद उड़ा दी है। अमेठी के
भूपति भवन में अपने 60 वें जन्मदिन के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में
संजय सिंह ने न सिर्फ बीजेपी नेताओं के साथ मंच साझा किया बल्कि उनके तेवर
भी तल्ख थे।
राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए संजय ने कहा,
'अमेठी ने बाहरी लोगों को समय-समय पर सबक सिखाया है। अमेठी में ऐसे लोग भी
हैं जिनका उत्तर प्रदेश से कोई नाता नहीं है। मैं अमेठी और उसके लोगों की
जरुरतों को ध्यान में रखकर फैसला (चुनाव लड़ने को लेकर) लूंगा। अमेठी,
रायबरेली और सुल्तानपुर ने बाहरी लोगों को हराकर अपनी ताकत का एहसास कई बार
कराया है।'
इससे पहले जब संजय सिंह से पूछा गया कि क्या वे बीजेपी में शामिल
होंगे और क्या अमेठी से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा, 'मैंने
राजनीति नहीं छोड़ी है। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों की पहली सूची सामने
आने पर सब कुछ साफ हो जाएगा।'
अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी कांग्रेस
के लोकसभा सांसद हैं। इससे पहले इंदिरा गांधी भी रायबरेली से लोकसभा का
चुनाव जीत चुकी हैं। हालांकि, 1977 में राजनारायण ने उन्हें रायबरेली सीट
पर हराया था। अमेठी से राहुल गांधी के चाचा संजय गांधी ने 1977 में चुनाव
लड़ा था, जिसमें उनकी हार हुई थी। हालांकि, 1980 में संजय ने यहां से जीत
दर्ज की थी। संजय गांधी के निधन के बाद राजीव गांधी ने 1981 में यहां से
चुनाव जीता था।
संजय ने बीजेपी नेताओं के साथ मंच साझा करने की बात पर कहा, 'यह गैर
राजनीतिक मंच है।' कार्यक्रम में बीजेपी के पूर्व विधायक तेजभान सिंह,
पूर्व विधायक व मंत्री रामलखन पासी बैठे थे। साथ ही कांग्रेस के पूर्व
सांसद राजकरन सिंह और पूर्व विधायक राजपति देवी भी कार्यक्रम में मौजूद
रहीं। पूर्व विधायक तेजभान सिंह ने कहा, 'मैं बीजेपी का पूर्व विधायक हूं
और मुझे ऐसे मंच पर नहीं आना चाहिए था। लेकिन हमें लगा कि कांग्रेस के
भ्रष्टाचार और क्षेत्र की जनता को परेशानी से मुक्ति संजय सिंह दिलाना
चाहते है, सो हम आगे बढ़कर आ गए।' जिस मंच से संजय सिंह बोल रहे थे उसके
पीछे होर्डिंग लगी हुई थीं। होर्डिंग पर संजय सिंह की तस्वीरें लगी हुई थीं
और उस पर लिखा था 'मजबूत इरादों की वर्षगांठ'।
कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विवादित बयान को लेकर चुनाव
आयोग नाराज है। बीते 8 नवंबर को राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के नोटिस का
जवाब दे दिया था। हालांकि राहुल अपनी सफाई से आयोग को संतुष्ठ नहीं कर पाए।
आयोग ने उन्हें आगे से ऐसा बयान न देने की सलाह दी है।
चुनाव आयोग ने राहुल को ये नोटिस उनके आईएसआई वाले बयान पर बीजेपी की
शिकायत के बाद भेजा था। इस नोटिस का जवाब राहुल गाधी को 4 नवंबर को ही देना
था लेकिन उन्होंने सफाई देने के लिए चुनाव आयोग से 7 दिन का समय मांगा था
लेकिन उन्हें सिर्फ चार दिन की मोहलत दी गई थी।
सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक राहुल गांधी
ने अपने जवाब में बीजेपी को सांप्रदायिक राजनीति करने वाली पार्टी बताया
है। इसके लिए उन्होंने संघ के पूर्व विचारक और प्रमुख माधवराव सदाशिवराव
गोलवलकर के एक बयान का सहारा लिया है। राहुल ने अपने जवाब में बीजेपी की
वेबसाइट पर मौजूद विनोबा भावे और गुरु गोलवलकर के बीच बातचीत का हवाला दिया
है।