तरक्की के दौर में, सब बेपर्दा हो गए
https://www.shirazehind.com/2013/11/blog-post_704.html
|
डॉ अ कीर्तिवर्धन
|
जाहिल थे इल्म से, मगर हया वाले थे,
तालीमयाफ्ता होकर, बेहया हो गए ।
झुकती थी पलकें अदब से, बड़ों के सामने,
तरक्की के दौर में, सब बेपर्दा हो गए ।