भगवान सूर्य का वाहन है घोड़े
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छठ मइया का महापर्व शुरू हो चुका है। अनादिकाल से चले आ रहे इस पूजा में प्रमुख रूप से भगवान सूर्य कि अराधना विशेष विधि विधान के साथ की जाती है। जिले में छठ पर्व को लेकर एक अनोखी मान्यता वर्षों से चली आ रही है। भगवान सूर्य का वाहन घोड़े को माना जाता है।
सूर्य मंदिर पर सबसे पहले लोग भगवान भास्कर के वाहन यानि घोड़े की पूजा
करते हैं। इतना ही नही डाला छठ के पर्व पर सूर्य देवता की सवारी के रूप
में माने जाने वाले घोड़े की पूजा कर नगर में भ्रमण कराया जाता है। जहां इन
घोड़ों की व्रती महिलाएं भी पूजा करती हैं।
इस परंपरा का निर्वाह कर रहे आयोजन समिति के मनोज गुप्ता का मानना है कि
छठ पूजा में भगवान् सूर्य की आराधना की जाती है। घोड़ा उनकी सवारी है और
उनकी पूजा करने से अच्छा फल प्राप्त होता है।
नगर में भ्रमण कर रहे इन घोड़ो का बड़ी ही धूम-धाम से आरती पूजन किया गया। उसके बाद श्रद्धा और उत्साह के साथ नगर में घुमाया गया।
नगर में भ्रमण कर रहे इन घोड़ो का बड़ी ही धूम-धाम से आरती पूजन किया गया। उसके बाद श्रद्धा और उत्साह के साथ नगर में घुमाया गया।
श्रद्धा और आस्था के पर्व छठ को जहां बड़े ही विधि विधान से सूर्य देवता की
पूजा की जाती है। वहीं मुगल सराय में श्रद्धालुओं ने सूर्य देवता की सवारी
की भी पूजा बड़ी धूम-धाम से की।