डीएम ने सीडीओ .पीडी. डीडीओ समेत सभी बीडीओ का वेतन रोकने का दिया आदेश ,

 मनरेगा के कार्यो में लापरवाही बरतने पर गिरी गाज़
 व्यक्तिगत स्वच्छ शौंचालयों के निर्माण सहित मनरेगा के अन्य कार्यो में लापरवाही बरतने के मामले में डीएम जौनपुर ने मुख्य विकास अधिकारी , जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक समेत 21 ब्लाक के बीडियो के वेतन रोकने का आदेश दिया है। 15 दिन के भीतर सभी कार्यो को पूर्ण न होने पर कठोर कार्यवाही करने की चेतावनी भी दिया है .
 जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने मनरेगा अन्तर्गत विभिन्न कनवर्जन्स विभागों द्वारा एमआईएस की समीक्षा में पाया गया कि 10764 कार्य आनगोइंग की श्रेणी में प्रदशित हो रहे है। मुख्य विकास अधिकारी पी.सी.श्रीवास्तव ने अवगत कराया है कि सात विभागों प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी, अधि0अभियंता लो.नि.वि.-प्रां0खण्ड /निर्माण खण्ड, निर्माण खण्ड-2., भूमि संरक्षण अधिकारी प्रथम व द्वितीय, अधि0अभि0 सिचाई खण्ड, सहा0 अभि0 लघु सिचाई, जिला उद्यान अधिकारी, जिला रेशम अधिकारी, को एमआईएस फीडिंग के लिए कई बार लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराया गया है लेकिन इन विभागों द्वारा एमआईएस कराने में कोई रूचि नही ली जा रही है जिसपर भारत सरकार एवं प्रमुख सचिव ग्राम विकास द्वारा काफी अप्रसन्नता व्यक्त की गयी है। इन अधिकारियों द्वारा अबतक कराये गये कार्यों की शतप्रतिशत एमआईएस फीडिंग 90 प्रतिशत कार्य पूर्णता की फोटो अपलोडिंग का कर्य पूर्ण न कर लिये जाने तक इनके वेतन आहरण पर रोक लगा दी गयी है। इनको आदेशित किया गया है कि 15 दिन का विशेष अभियान चलाकर उपरोक्त कार्य पूर्ण करायें। इसके बाद भी स्थिति में सुधार न होने पर अन्य कार्यवाही पर विचार किया जायेगा।


        जिलाधिकारी ने बताया कि आयुक्त ग्राम विकास के आदेशानुसार मनरेगा अन्तर्गत स्वच्छ शौंचालय के निर्माण एवं उसकी एमआईएस फीडिंग की समीक्षा से स्पष्ट हुआ कि  पूर्ण शौंचालयों के सापेक्ष अत्यन्त कम एमआईएस फीडिंग की गयी है। विशेष प्रयास के बाद अबतक 16131 शौंचालय पूर्ण दिखाये गये है जिसमें 7492 शौंचालयों की एमआईएस फीडिंग करायी गयी है। इस कार्य में खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा यथोचित प्रयास एवं अधीनस्थों का मार्ग निर्देशन तथा अनुश्रवण नही किया जा रहा है न ही किसी कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की गयी है। स्वच्छ शौंचालय के निर्माण के अतिरिक्त भी सम्पर्क मार्ग निर्माण, तालाब खुदायी, वृक्षारोपण  एवं अन्य मनरेगा के कार्य में भी लगभग यही स्थिति है। कार्य की पूर्णता एवं फोटो अपलोडिंग का प्रतिशत अत्यन्त खराब है। इसका अनुश्रवण मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए., के स्तर से यथोचित ढंग से नही किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त ग्राम विकास अधिकारी के नियुक्ति अधिकारी जिला विकास अधिकारी हैं तथा ग्रामपंचायत अधिकारी के नियुक्ति प्राधिकारी जिला पंचायतराज अधिकारी है। इन अधिकारियों का भी अपने अधीनस्थों पर नियंत्रण न के बराबर है जिसके कारण जिले की स्थिति भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार के प्रगति विवरण पत्र में अच्छी नही है। व्यक्तिगत स्वच्छ शौंचालयों के निर्माण सहित मनरेगा के अन्य मदों में भी 80 प्रतिशत कार्य पूर्णता एवं फोटो अपलोडिंग तथा ई0एफ0एम0एस0 में 70 प्रतिशत से अधिक खातों की फीडिंग की प्राप्ति होने तक पी.सी.श्रीवास्तव सी.डी.ओ., एस.एन. चैधरी पी.डी. डी.आर.डी.ए., तेजप्रताप मिश्र डी.डी.ओ, ए.के.सिंह डी.पी.आर.ओ. एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारियों का वेतन आहरण रोका जाता है तथा 15 दिन का विशेष अभियान चलाने हेतु आदेशित किया जाता है। 15 दिन के बाद भी स्थिति में सुधार न होने पर अन्य कार्यवाही पर विचार किया जायेगा।
 

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