डीएम जौनपुर ने किया समीक्षा बैठक , काम पूरा ना करने वाले अधिकारियो को लगाई फटकार
https://www.shirazehind.com/2013/11/blog-post_4742.html
जौनपुर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आज राजकीय पुस्तकालय में डीएलआरसी की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें किसान के्रडिट कार्ड के लक्ष्य के सापेक्ष बैंकों द्वारा कार्य न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त किया । जिला कृषि अधिकारी मनीष सिंह को निर्देशित किया कि बैंकवार, ब्लाकवार आवेदन पत्रों की सूची लीड बैंक अधिकारी को उपलब्ध करायें। अनुपस्थित बैंक अधिकारियों के खिलाफ उनके उच्चाधिकारियों,आर0बी0आई0 तथा प्रमुख सचिव संस्थागत वित्त को पत्र प्रेषित करने का निर्देश दिया। साथ ही किसान के्रेडिट कार्ड में सेन्ट्रल बैंक को प्रशस्ति पत्र तथा खराब प्रगति के कारण यूनियन बैंक को पत्र प्रेषित करने का निर्देश दिया।सीडी रेसियों बहुत कम होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त किया तथा हररहालत में लक्ष्य के सापेक्ष सीडी रेसियो बढ़ाने का निर्देश दिया। जिले में कुल 76 बैंक शाखा खोली जानी है जिसमें स्टेट बैंक एवं ग्रामींण बैंक द्वारा निर्धारित बैंक शाखा न खोलने पर खेद व्यक्त करते हुए अगले माह तक शाखा खोलने का निर्देश दिया। ग्रामीणों द्वारा बैंक खाताा खोलने में पैनकार्ड मांगे जाने पर उन्होंने कहा कि बैंक खाता खोलने के लिए केवल परिचय पत्र की आवश्यकता होती है, न कि पेैनकार्ड।
मुख्य विकास अधिकारी पी.सी.श्रीवास्तव ने बैंक अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऋण स्वीकृत करने से पहले जितनी जांच प्रक्रिया आवश्यक है उतना पूर्णकर स्वीकृति करने के पश्चात ऋण के लिए धन अवमुक्त न करना अपराध के श्रेणी में आता है। पी0डी0 सत्येन्द्रनाथ चैधरी ने बताया कि स्वर्णजयन्ती स्वरोजगार योजना 30 जून 2013 से बन्द हो गयी है उसके स्थान पर स्वयं सहायता समूह योजना चालू है जिसमें महिलाओं के ही गु्रप बनेगे । 70 प्रतिशत गरीब परिवार तथा 30 प्रतिशत सामान्य वर्ग की महिलाओं को लिया जायेगा। 3-6 माह के भीतर 5 विन्दुओं पर ग्रेडिंग की जायेगी। नावार्ड प्रबन्धक ने बैंक अधिकारियों से अनुरोध किया कि गरीब महिलाओं के पहुंचने पर उनका कार्य उसी दिन सारी औचारिकता पूर्ण कर करायें ताकि उनकी एक दिन की ही मजदूरी का नुकसान हो। ग्रामींण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक पंकज कुमार मिश्रा ने प्रशिक्षण के बाद विभिन्न बैंकों द्वारा ऋण दिये जाने में परेशानी के बारे में जिलाधिकारी को अवगत कराया।
इस अवसर पर आर0बी0आई0 से ए0पी0सिंह, डा0 नरेन्द्र रघुबंशी, ग्रामींण बैंक से डी0के0पाण्डेय, सहायक निदेशक बचत अमरावती कुशवाहा, जिला समाज कल्याण अधिकारी एस0एन0सिंह, डूडा अधिकारी आर0पी0यादव सहित अन्य बैंकों के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
मुख्य विकास अधिकारी पी.सी.श्रीवास्तव ने बैंक अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऋण स्वीकृत करने से पहले जितनी जांच प्रक्रिया आवश्यक है उतना पूर्णकर स्वीकृति करने के पश्चात ऋण के लिए धन अवमुक्त न करना अपराध के श्रेणी में आता है। पी0डी0 सत्येन्द्रनाथ चैधरी ने बताया कि स्वर्णजयन्ती स्वरोजगार योजना 30 जून 2013 से बन्द हो गयी है उसके स्थान पर स्वयं सहायता समूह योजना चालू है जिसमें महिलाओं के ही गु्रप बनेगे । 70 प्रतिशत गरीब परिवार तथा 30 प्रतिशत सामान्य वर्ग की महिलाओं को लिया जायेगा। 3-6 माह के भीतर 5 विन्दुओं पर ग्रेडिंग की जायेगी। नावार्ड प्रबन्धक ने बैंक अधिकारियों से अनुरोध किया कि गरीब महिलाओं के पहुंचने पर उनका कार्य उसी दिन सारी औचारिकता पूर्ण कर करायें ताकि उनकी एक दिन की ही मजदूरी का नुकसान हो। ग्रामींण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक पंकज कुमार मिश्रा ने प्रशिक्षण के बाद विभिन्न बैंकों द्वारा ऋण दिये जाने में परेशानी के बारे में जिलाधिकारी को अवगत कराया।
इस अवसर पर आर0बी0आई0 से ए0पी0सिंह, डा0 नरेन्द्र रघुबंशी, ग्रामींण बैंक से डी0के0पाण्डेय, सहायक निदेशक बचत अमरावती कुशवाहा, जिला समाज कल्याण अधिकारी एस0एन0सिंह, डूडा अधिकारी आर0पी0यादव सहित अन्य बैंकों के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।