जौनपुर में बे मौत मारी गई दवाएं

 जौनपुर में डॉक्टरो और पैरामेडिकल स्टाफ की लापरवाही के कारण लाखो रूपये की दवाएं बेमौत मार दी गई है। इतना ही नही जिस अस्पताल में दवाओ का यह हश्र हुआ है उस इलाके  के दर्जनो लोग दवाओ के आभाव या तो काल के गाल में समां जाते है या कर्ज लेकर प्राइवेट अस्पतालो में अपना इलाज कराकर अपनी जान बचाते है।
जौनपुर मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर के दूरी पर स्थित प्राथमिक स्वास्थ केंद्र रामनगर में कूड़े के ढेर में फेंकी गई इन दवाओ में कोई मलेरिया , फायलेरिया की है तो कोई हैज़ा ,उल्टी दस्त और चेचक के प्रकोप से बचाने की एंटी बायटिक है साथ ही बच्चो की जन्म दर रोकने वाली कारगर मेडसिन है। केद्र और प्रदेश सरकार ने इन दवाओ को भेजा था ग्रामीण क्षेत्र के गरीब मरीजो का जान बचाने के लिए लेकिन डॉक्टरो और पैरामेडिकल स्टाफ के नखादे पन्न के कारण मरीजो का इलाज़ करने से पहले ही स्पायर हो गई।
इन दवाओ को कैमरे में कैद करने के बाद जब हॉस्पिटल का जायजा लिया गया तो अस्पताल अधीक्षक से लेकर सभी डॉक्टर और स्टाफ नदारत रहे और मरीज उनके इंतज़ार में घंटो से खड़े मिले। यह नज़ारा देखते ही पता चल गया कि दवाओ का यह हश्र क्यों हुआ। कुछ देर बाद एक डॉक्टर साहब हाफ्ते हुए सामने प्रकट हुए। उनसे जब इन दवाओ के बारे में पूंछा गया तो उनका जवाब गैर जिम्मेदराना ही रहा।
 बेमौत मारी गई दवाओ के बारे जब सीएमओ से बात किया गया तो उन्होंने जाँच कराने की बात कही है। 

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