..... हम हिन्दू है मगर मातमे शब्बीर करेगे
https://www.shirazehind.com/2013/11/blog-post_4283.html
भारत की एकता अखण्डता और इमाम हुसैन से मोहब्बत की पराकाष्ठा का नमूना अगर आप को देखना है, तो आइये जौनपुर में जहां मोहर्रम में सिर्फ मुसलमान ही नही बल्की बड़ी सख्या में हिन्दू वर्ग के लोग इमाम हुसैन कि शहादत पर मातम कर आंसू बहा कर अपना नजराने अकीदत पेश कर रहे है।
जौनपुर के अहियापुर इमामबाडा में इमाम हुसैन के नाम पर मातम कर रहे। ये लोग शुद्ध रूप से हिन्दू है और इन्होने कोई हिन्दू रीतिरिवाज छोड़ा नही है, बल्की मानवता के लिये कर्बला में इमाम हुसैन द्वारा दी गयी बेमिसाल कुर्बानी की याद में ये लोग 10 दिन तक लगा तार नौहा मजलिस कर आंसू बहा कर ये साबित कर रहे है। कि इमाम हुसैन किसी एक धर्म व जाति के नही है।
मजलिस मातम में मशगूल ये हिन्दू अजादारों के साथ उनके घर की महिलाये व छोटे-छोटे बच्चे भी कधें से कधा मिलाकर रात दिन मातम करने लीन है। इनकी आस्था है कि इमाम हुसैन के गम मे मातम करने से उनकी मन्नते पूरी होती है। और दिली सूकून मिलता
इमाम हुसैन के नाम पर आंसू बहा कर और मातम कर इन लागो ने देश में धर्म वा जाति के नाम पर नफरत पैदा करने वालों के मुह पे करारा तमाचा मारा है। वही एकता अखण्डता और अपसी सौहार्द मजबूत किया है।
जौनपुर के अहियापुर इमामबाडा में इमाम हुसैन के नाम पर मातम कर रहे। ये लोग शुद्ध रूप से हिन्दू है और इन्होने कोई हिन्दू रीतिरिवाज छोड़ा नही है, बल्की मानवता के लिये कर्बला में इमाम हुसैन द्वारा दी गयी बेमिसाल कुर्बानी की याद में ये लोग 10 दिन तक लगा तार नौहा मजलिस कर आंसू बहा कर ये साबित कर रहे है। कि इमाम हुसैन किसी एक धर्म व जाति के नही है।
मजलिस मातम में मशगूल ये हिन्दू अजादारों के साथ उनके घर की महिलाये व छोटे-छोटे बच्चे भी कधें से कधा मिलाकर रात दिन मातम करने लीन है। इनकी आस्था है कि इमाम हुसैन के गम मे मातम करने से उनकी मन्नते पूरी होती है। और दिली सूकून मिलता
इमाम हुसैन के नाम पर आंसू बहा कर और मातम कर इन लागो ने देश में धर्म वा जाति के नाम पर नफरत पैदा करने वालों के मुह पे करारा तमाचा मारा है। वही एकता अखण्डता और अपसी सौहार्द मजबूत किया है।
सादर नमन-
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