बाल विवाह और बाल मजदूरी करायी तो खैर नही : डीएम
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जौनपुर जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने जिले के सभी खण्ड विकास अधिकारी एवं सचिव बाल संरक्षण समिति जौनपुर को निर्देशित किया है कि महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित आईसीपीएस योजना अन्तर्गत भारत सरकार के सहयोग से जनपद में प्रवर्तकता कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत बच्चों को परिवार में बने रहने के लिए एवं उनकी औपचारिक रूप से नियमित रूप से जारी रखने में परिवार को समर्थ बनाये जाने के उद्देश्य से 500/रू0 प्रति बच्चा प्रतिमाह वित्तीय सहायता दी जायेगी। बच्चों को निराश्रित/असुरक्षित बनने, घर से भागने, बाल विवाह के लिए विवश किये जाने तथा बाल श्रम के प्रयोजन से उपयोग में लाये जाने से बचाने के लिए ग्राम बाल संरक्षण समिति इनका चिन्हांकन करेगी। पालन-पोषण देखभाल कार्यक्रम के अन्तर्गत ऐसे बच्चों का चिन्हांकन भी ग्राम बाल संरक्षण समिति करेगी जो अनाथ हो, साथ ही किसी दूसरे अभिभावक की देखरेख में रहते हो। ऐसे परिवारों को फास्टर केयर हेतु धनराशि 750/रू0 प्रतिबच्चा देय होगी। एच.आई.वी./एड्स से संक्रमित, आपदा एवं प्राकृतिक विपदाओं द्वारा प्रभावित बच्चों के पालन-पोषण, देखभाल अथवा प्रवर्तकता कार्यक्रम के लाभ दिये जाने के विशेष प्रयास किये जायेगे। प्रवर्तकता हेतु बच्चों के चयन के लिए जिन परिवारों की आय 12000/रू0 वार्षिक से अधिक न हो (जो ग्राम बाल संरक्षण समिति निर्धारित करेगी) उन परिवारों के अत्यधिक वंचित दो बच्चों को सम्मिलित करना प्रस्तावित है। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने विकास क्षेत्र अन्तर्गत ग्रामों का संबंधित ग्रामपंचायत अधिकारी के माध्यम से ऐसे परिवारों के बच्चों की सूची जो ग्राम बाल संरक्षण समिति द्वारा चिन्हित व संरक्षण के लिए अनुमोदित हो प्राप्तकर ब्लाक स्तरीय बाल संरक्षण समिति से अनुमोदित कराकर जिला प्रोबेशन कार्यालय को प्रेषित करें। बच्चों या लाभार्थी परिवार की सूची में उनका सम्पर्क नम्बर अवश्य अंकित किया जाय।यह योजना शासन के शीर्ष प्राथमिकता में है इसमें किसी तरह की लापरवाही क्षम्य नही होगी।