बड़े की तरह अब छोटे दुकानदारों को भी बनवाना पड़ेगा लाइसेंस!
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जौनपुर। भारत सरकार की पहल पर बड़े दुकानदारों की तरह अब छोटे दुकानदारों को खाद्य सामग्री बेचने एवं खरीदने के लिये लाइसेंसी बनना पड़ेगा तथा इसके लिये उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि जहां वे सामान बेचते हैं, वहीं पर विभागीय टीम पहुंचकर निर्धारित राजस्व धनराशि जमा करके मौके पर ही उन्हें रसीद भी उपलब्ध करा देगी। यह फरमान भारत सरकार द्वारा जिलाधिकारी को प्रेषित पत्र के माध्यम से जारी हुआ है जिसका पालन करने के लिये खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की जनपद इकाई काफी सक्रिय भी हो गया है। इस योजना से लोगों को सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध हो, इसके लिये विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार का नायाब तरीका भी अपना लिया गया है। बता दें कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जिलाधिकारी जौनपुर को एक पत्र आया जिसके अनुसार भारत सरकार द्वारा खाद्य निवारण अधिनियम 1954 व तत्सम्बन्धी नियमावली 1955, 5 अगस्त 2011 से निरसित किया जा चुका है तथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 तथा तत्सम्बन्धी नियम@विनियम 2011, 5 अगस्त 2011 से पूरे देश में प्रवृत्त हो गया है। इस विनियम के अनुसार खाद्य व्यवसाइयों को 4 फरवरी 2014 तक नवीन अधिनियम के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है। इसी क्रम में सूबे के प्रमुख सचिव हेमंत राव द्वारा कहा गया कि इस नये नियम के तहत बड़े दुकानदारों की तरह अब छोटे दुकानदारों को लाइसेंसी होना होगा। अब चाय, पान, समोचा, पकौड़ी, अण्डा, फल, दूध सहित अन्य खाद्य सामग्रियों एवं पेय पदार्थों के छोटे दुकानदारों को लाइसेंसी बनना पड़ेगा। इसके लिये उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि विभागीय टीम मौके पर पहुंचकर निर्धारित राशि जमा करके मौके पर रसीद भी उपलब्ध करा देगी। उपरोक्त जानकारियों से अवगत कराते हुये विभाग के जिला इकाई के अभिहित अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि अब बिना लाइसेंस के सामान खरीदना एवं बेचना गैरकानूनी माना जायेगा। इसके लिये बड़े दुकानदारों को सख्त निर्देशित किया गया कि बिना लाइसेंस बनवाये छोटे दुकानदारों को सामान बेचना एवं उनसे खरीदना गलत माना जायेगा। ऐसा न करने वाले बड़े दुकानदार स्वयं ही जिम्मेदार माने जायेंगे।