सपा मुखिया मुलायम सिंह
यादव ने जौनपुर लोक सभा सीट पर अपना प्रत्यासी डॉ 0 केपी यादव को बदलकर
कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव को एक बार फिर मैदान में उतरा है । जाहिर 377
दिनों तक क्षेत्र में अपना खून पसीना और पैसा बहाने वाले डॉ केपी को मैदान
से हटाने पीछे मुलायम सिंह के निगाह में कही न कही कमजोर कड़ी दिखाई पड़ी
होगी। जौनपुर की राजनीत में सबसे मजबूत स्तम्भ माने जाने वाले यूपी के
कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव पर सपा सुप्रीमो ने जो भरोषा किया है। उस पर
कितने खरे उतरते है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा ।
पारसनाथ
यादव गांव की पंचायत से लेकर देश की सबसे बड़ी पंचायत ( लोक सभा ) में जनता
का प्रतिनिधित्व किया है। 2012 विधान सभा में जौनपुर के मल्हनी सीट पर
चुनाव जीतने के बाद अखिलेश टीम में पशुधन मंत्री बनाये जाने के बाद उनके
कुछ गुर्गो ने उनकी छवि पर कई बट्टे लगा दिए है। सूत्रो के अनुसार मंत्री
बनने के बाद पारस की दरबार में जो भी छोटे बड़े काम के लिए गया उससे पारस के
गुर्गो ने आर्थिक शोषण करने से बाज़ नही आये। सूत्रो पर भरोषा किया जाय तो
पशुपालन विभाग में फिनायल सप्लाई के नाम पर कइयो कम्पनियो को टेंडर दिलाने
के नाम पर लाखो रूपये ऐठकर ऐसी गंध फैलाई कि उसकी दुर्गन्ध मुख्यमंत्री के
नाक तक पहुंच गई। जिसका परिणाम रहा कि उनका विभाग बदलकर उद्यान विभाग थमा
दिया। यहाँ भी उनके गुर्गे हाथ पांव तो चलाया लेकिन यह विभाग सुखा ग्र्स्त
होने के कारण कुछ जादा गंदगी नही फैला सके। एक तरफ देश में चल रही मोदी की
लहर दूसरी तरफ सपा सरकार में बढे अपराध तीसरा उनके गुर्गो के कारनामे क्या
? पारस की नैय्या पार लगा पायेगी ।