भक्ति मार्ग कठिन है परन्तु इसी मार्ग पर चलकर ही इन्सान को सफलता प्राप्त होगी
https://www.shirazehind.com/2013/11/blog-post_1701.html
उन्होंने कहा कि भक्ति मार्ग कठिन है परन्तु इसी मार्ग पर चलकर ही इन्सान को सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि कृष्ण की तीनों पटरानियां रूक्मणी, सत्यभामा और जामवन्ती भक्ति में फेल हो गयी लेकिन राधा और उनकी साथ की गोपियां पास हो गयीं। हुआ यह की एक बार भगवान कृष्ण बीमार थे उन्हें चरण रज की धूल से ठीक होना था। नारद भगवान परीक्षा लेने तीनों पटरानियों के पास गए और भगवान के बीमार होने की बात कही बताया कि भक्त के चरण रज के धूल से ही भगवान ठीक होंगे। पटरानियां असमंजस में पड़ीं और बोलीं वे तो मेरे स्वामी हैं कैसे चरण रज की धूल दूं। इधर भगवान नारद राधा और गोपियों के पास गए और सारी बात बतायी। राधा ने कहा कि भगवान भले ही नाराज हो जाएं लेकिन चरण रज की धूल अवश्य दूंगी। राधा और गोपियों ने अपने-अपने चरणों की धूल उड़ाना शुरू किया और नारद भगवान धूल को इकट्ठा कर भगवान के पास ले गये जिसे लगाकर भगवान ठीक हो गये। इस प्रकार राधा और गोपियां भक्ति में पास हो गयीं और तीनों पटरानियां फेल हो गयीं। इस अवसर पर बिल्लू बाबा, तानसेन बाबा, आशीष बाबा, तुलसी बाबा, विनय दुबे, सतीश सिंह,चन्द्रप्रकाश सिंह पप्पू, संतोष सिंह गुड्डू, शिवेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।