गन्ने का रस हुआ खूनी , स्वाद हुआ कड़वा ?

 लखनऊ। लखीमपुर में एक चीनी मिल के गन्ना का भुगतान न मिलने से किसान सत्यपाल की आत्महत्या के बाद यूपी के अधिकांश जिलों में गन्ने के मुद्दे पर धधक रही आक्रोश की ज्वाला अब जिंदगी-मौत के मुहाने पर आकर खड़ी हो गई है। सत्यपाल की आत्महत्या से आक्रोशित सैकड़ों ग्रामीणों ने कल गुलरिया चीनी मिल के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया। जिनको तितर-बितर करने के लिए फायरिंग के साथ पानी की बौछार तथा लाठीचार्ज भी हुआ। उधर पश्चिमी यूपी के किसान सरकार की गलत नीति के चलते खुद की गन्ने की फसल जलाने को मजबूर हो गए हैं।
गन्ना का भुगतान न होने तथा किसानों की अन्य समस्या को लेकर लखीमपुर में किसानों में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज सुबह से ही गोला गोकर्णनाथ में बाजाज की चीनी मिल पर भाजपा नेता रामकुमार वर्मा के नेतृत्व में किसान युवा मोर्चा, भरतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सैकड़ों किसानों प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। आक्रोशित किसानों ने अजवापुर चीनी मिल पर भी प्रदर्शन कर विरोध जताया है। बागपत में कल गांव सूजती में एक किसान ने खुद की गन्ने की फसल में आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया। जिससे जिले में हड़कंप मचा हुआ है।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में भीरा थाना क्षेत्र के बस्तौली गांव निवासी सत्यपाल ने गुरुवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में उसने गन्ना बकाये का भुगतान न होने और कर्ज में दबे होने का जिक्र किया था। गुस्साए ग्रामीणों ने कांग्रेस व भाजपा नेताओं की अगुवाई में सत्यपाल का शव चीनी मिल के सामने रख प्रदर्शन किया। वे वहीं पर अंतिम संस्कार करने का खाका तैयार करने लगे। चीनी मिल के अफसरों के निर्देश पर सुरक्षाकर्मियों ने अंदर से ही फायरिंग पथराव आदि शुरू कर दिया। इस हरकत से ग्रामीण बौखला गए और उन्होंने भी पथराव किया।

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