ज्योतिष के अलावां शास्त्रों एवं वेदों में पारंगत थे गुरूजी
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ज्योतिषी डा. रमेश चन्द्र तिवारी की प्रथम पुण्यतिथि
जौनपुर। ज्योतिषी डा. रमेश चन्द्र तिवारी गुरू जी की प्रथम पुण्यतिथि पर आज भावभीनी श्रद्धाजंलि दी गयी। श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन गुरू जी के शुभचिन्तकों ने किया। श्रद्धाजंलि सभा की अध्यक्षता समाजशात्री डा. आर.एन. त्रिपाठी ने की। इस अवसर पर गुरू जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर समाजशात्री डा. आर.एन. त्रिपाठी ने कहा कि डा. रमेश चन्द्र तिवारी ने कम उम्र में ज्योतिष विद्या के अलावां शास्त्रों एवं वेदों में पारंगत थे। इसी कारण उन्होने एक बेहद मजबूत स्थान बनाया था। वह विद्वान होने साथ ही बेहद ही मिलनसार और मृदुभाषी थे। ज्योतिष के सटीक विद्या के जरिए उन्होने पूरे देश में अपने अनुयायियों की फौज तैयार कर ली थी। उनकी कमी जनपद के जनमानस को हमेशा खलती रहेगी। गुरू जी के करीबी रहे आई.बी.सिंह ने कहा कि उन्होने ज्योतिष विद्या के जरिए जनकल्याण का कार्य किया। वह अपने इस विद्या के प्रसार के साथ ही जनहित में होने वाले विकास कार्यों के प्रति अपनी रुचि रखी। वह कर्मवीर व्यक्तित्व वाले पुरुष थे। पूर्व सभासद विनय सिंह ने कहा कि उनका प्रभावशाली व्यक्तित्व हमेशा समाज के हित में लगा रहा। वह ज्योतिषी होने के साथ ही एक वेदज्ञानी कर्मकाण्डी पुरूष थे। उनके प्रतिभा का ही परिणाम था कि देश प्रदेश के राजनीतिक और नौकरशाह उनके शिष्य थे। पत्रकार डॉ मधुकर तिवारी ने कहा कि डा. रमेश चन्द्र तिवारी गुरू जी ने कम उम्र में अपनी सर्व विद्या के जरिए समाज में अपना विशिष्ठ स्थान बनाया था। वह आदिशंकराचार्य और स्वामी विवेकानन्द की तरह अल्पायु में अपना शरीर त्याग कर समाज को दिए अपने योगदान को स्मृति के लिए छोड़ गए। इस अवसर पर कुटीर पीजी कालेज के पं.रामेश्वर नाथ मिश्र कांग्रेस नेता सुरेन्द्र त्रिपाठी, अरूण उपाध्याय, आनंद मिश्र, अजय सिंह, सरोज श्रीवास्तव, आलोक मिश्र, शिवेन्द्र सिंह रानू दिनेश पाण्डेय, चन्द्रदीप दूबे छात्रनेता आशीष शुक्ल, शरद दूबे,पंकज मिश्र, राहुल शुक्ल, राहुल चौबे, संजय मिश्र, विवेक मिश्र एडवोकेट रमेश पाण्डेय आदि ने डा. रमेश चन्द्र तिवारी गुरू जी के प्रथम पुण्यतिथि पर अपनी भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।
जौनपुर। ज्योतिषी डा. रमेश चन्द्र तिवारी गुरू जी की प्रथम पुण्यतिथि पर आज भावभीनी श्रद्धाजंलि दी गयी। श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन गुरू जी के शुभचिन्तकों ने किया। श्रद्धाजंलि सभा की अध्यक्षता समाजशात्री डा. आर.एन. त्रिपाठी ने की। इस अवसर पर गुरू जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर समाजशात्री डा. आर.एन. त्रिपाठी ने कहा कि डा. रमेश चन्द्र तिवारी ने कम उम्र में ज्योतिष विद्या के अलावां शास्त्रों एवं वेदों में पारंगत थे। इसी कारण उन्होने एक बेहद मजबूत स्थान बनाया था। वह विद्वान होने साथ ही बेहद ही मिलनसार और मृदुभाषी थे। ज्योतिष के सटीक विद्या के जरिए उन्होने पूरे देश में अपने अनुयायियों की फौज तैयार कर ली थी। उनकी कमी जनपद के जनमानस को हमेशा खलती रहेगी। गुरू जी के करीबी रहे आई.बी.सिंह ने कहा कि उन्होने ज्योतिष विद्या के जरिए जनकल्याण का कार्य किया। वह अपने इस विद्या के प्रसार के साथ ही जनहित में होने वाले विकास कार्यों के प्रति अपनी रुचि रखी। वह कर्मवीर व्यक्तित्व वाले पुरुष थे। पूर्व सभासद विनय सिंह ने कहा कि उनका प्रभावशाली व्यक्तित्व हमेशा समाज के हित में लगा रहा। वह ज्योतिषी होने के साथ ही एक वेदज्ञानी कर्मकाण्डी पुरूष थे। उनके प्रतिभा का ही परिणाम था कि देश प्रदेश के राजनीतिक और नौकरशाह उनके शिष्य थे। पत्रकार डॉ मधुकर तिवारी ने कहा कि डा. रमेश चन्द्र तिवारी गुरू जी ने कम उम्र में अपनी सर्व विद्या के जरिए समाज में अपना विशिष्ठ स्थान बनाया था। वह आदिशंकराचार्य और स्वामी विवेकानन्द की तरह अल्पायु में अपना शरीर त्याग कर समाज को दिए अपने योगदान को स्मृति के लिए छोड़ गए। इस अवसर पर कुटीर पीजी कालेज के पं.रामेश्वर नाथ मिश्र कांग्रेस नेता सुरेन्द्र त्रिपाठी, अरूण उपाध्याय, आनंद मिश्र, अजय सिंह, सरोज श्रीवास्तव, आलोक मिश्र, शिवेन्द्र सिंह रानू दिनेश पाण्डेय, चन्द्रदीप दूबे छात्रनेता आशीष शुक्ल, शरद दूबे,पंकज मिश्र, राहुल शुक्ल, राहुल चौबे, संजय मिश्र, विवेक मिश्र एडवोकेट रमेश पाण्डेय आदि ने डा. रमेश चन्द्र तिवारी गुरू जी के प्रथम पुण्यतिथि पर अपनी भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।