4 की उम्र में हुआ निकाह, 8 बरस में तलाक
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श्रावस्ती जिले में एक पिता ने गुड्डे गुड़ियों से खेलने की उम्र में पहले बेटी का बाल
विवाह करवा दिया फिर 8 बरस की उम्र में उसका तलाक। उस बच्ची को शायद ही
शादी और तलाक का मतलब मालूम हो। यह बच्ची देश की सबसे कम उम्र की तलाकशुदा
है।
श्रावस्ती के जमुनहा ब्लाक के नकही गांव के रहने वाले मंगरे ने आज से चार वर्ष पहले अपनी बेटी फातिमा की शादी पड़ोस के गांव के रहने वाले 14 वर्षीय बकरीदी से कर दी। निकाह के वक्त फातिमा की उम्र महज 4 वर्ष थी। इसी बीच आईआईएम के कुछ छात्रों ने देहात नाम का सामाजिक संगठन बनाया और श्रावस्ती के इलाके में शिक्षा केन्द्रों की स्थापना शुरू कर दी, ताकि इलाके में लोगों को साक्षर बनाया जा सके।
श्रावस्ती के जमुनहा ब्लाक के नकही गांव के रहने वाले मंगरे ने आज से चार वर्ष पहले अपनी बेटी फातिमा की शादी पड़ोस के गांव के रहने वाले 14 वर्षीय बकरीदी से कर दी। निकाह के वक्त फातिमा की उम्र महज 4 वर्ष थी। इसी बीच आईआईएम के कुछ छात्रों ने देहात नाम का सामाजिक संगठन बनाया और श्रावस्ती के इलाके में शिक्षा केन्द्रों की स्थापना शुरू कर दी, ताकि इलाके में लोगों को साक्षर बनाया जा सके।
देहात के संपर्क में आने के बाद मंगरे को अपनी गलती का एहसास हुआ कि
उसने कम उम्र में अपनी बच्ची का ब्याह कर गुनाह किया है। निकाह के चार साल
बाद जब लड़का और लड़के के घरवाले फातिमा को लेने आए तो मंगरे ने अपनी गलती को
सुधारने का फैसला लिया। उसने अपनी बच्ची को विदा करने से मना कर दिया। यही
नहीं उसने बकरीदी के पिता से फातिमा के 18 वर्ष का हो जाने पर गौना करने
की बात कही जिसे नकार दिया गया। इस पर मंगरे ने अपनी बच्ची को तलाक दिलाने
के लिए केस फाइल कर दिया। यही नहीं उसने लड़के वालों की तरफ से मिले सामान
का हर्जाना भी भर दिया।
मामले की जानकारी राष्ट्रीय महिला आयोग तक पहुंची तो कमीशन ने इस
मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। महिला आयोग की सदस्य निर्मला सामंत ने
कहा, 'हमने इस मामले में राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने और जानकारी देने
के लिए कहा है। यह जानना जरूरी है कि मंगरे ने अपनी 4 साल की बच्ची की शादी
क्या सोचकर की थी। अपने 16 वर्ष के बेटे के लिए महज 6 साल की दुल्हन को
विदा कर घर लाने का मकसद क्या है।'
उधर पूरे मामले में मंगरे ने कहा कि फातिमा की शादी के बाद ही उसे एहसास हो
गया था। कम उम्र में अपनी बेटी का निकाह कर उसने बहुत बड़ी गलती कर दी है।
उसे अपने बचपन को जीने का पूरा अधिकार है। अब उसकी बेटी फातिमा कक्षा 6 में
पढ़ रही है जबकि बेटा कक्षा 8 में, वह दोनों को खूब पढ़ाएगा। अब वह इलाके
में होने वाले बाल विवाह रोकने के प्रयास करता है और आगे भी इलाके के लोगों
को बाल विवाह कुप्रथा के खिलाफ जागरूक करता रहेगा।