25 साल बाद खुली माफिया बबलू श्रीवास्तव की फाइल
https://www.shirazehind.com/2013/11/25_29.html
लखनऊ। इलाहाबाद में माफिया ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू की फाइल 25
वर्ष बाद खुलने से पुलिस व जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। पुलिस की
टीमें कोर्ट के आदेश पर बबलू श्रीवास्तव से जुड़ी कई फाइलों को खंगालने के
साथ ही जार्जटाउन मुठभेड़ से जुड़ी केस डायरी का पता लगा रही हैं।
न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने एसएसपी को लिखे पत्र में कहा है कि वह बरेली जेल प्रबंधन से वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिए कार्रवाई को प्रगति पर लाएं। जार्जटाउन थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को मुखबीरों से पता चला था कि कई राज्यों में कुख्यात माफिया राजू भटनागर साथी बबलू व बृजमोहन के साथ फैजाबाद के किसी व्यक्ति का अपहरण करने जाएगा। उसकी लोकेशन इलाहाबाद में है।
10 जनवरी 1988 को राजा बरांव की कोठी के पास मकसूद मोटर गैरेज के समीप पुलिस ने घेराबंदी किया तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में पुलिस ने राजू को मौके पर ढेर कर दिया, जबकि कार में सवार रहे बबलू और बृजमोहन घायल हो गए थे। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। तत्कालीन थानाध्यक्ष राजबीर सिंह ने अपराधियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते हुए आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। इसमें सह अभियुक्त बृजमोहन ने फाइल अलग करा ली और सेशन कोर्ट में सुनवाई के बाद 2006 में बरी हो गया। पर बबलू श्रीवास्तव के मामले में पुलिस हीलाहवाली करती रही।
न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने एसएसपी को लिखे पत्र में कहा है कि वह बरेली जेल प्रबंधन से वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिए कार्रवाई को प्रगति पर लाएं। जार्जटाउन थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को मुखबीरों से पता चला था कि कई राज्यों में कुख्यात माफिया राजू भटनागर साथी बबलू व बृजमोहन के साथ फैजाबाद के किसी व्यक्ति का अपहरण करने जाएगा। उसकी लोकेशन इलाहाबाद में है।
10 जनवरी 1988 को राजा बरांव की कोठी के पास मकसूद मोटर गैरेज के समीप पुलिस ने घेराबंदी किया तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में पुलिस ने राजू को मौके पर ढेर कर दिया, जबकि कार में सवार रहे बबलू और बृजमोहन घायल हो गए थे। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। तत्कालीन थानाध्यक्ष राजबीर सिंह ने अपराधियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते हुए आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। इसमें सह अभियुक्त बृजमोहन ने फाइल अलग करा ली और सेशन कोर्ट में सुनवाई के बाद 2006 में बरी हो गया। पर बबलू श्रीवास्तव के मामले में पुलिस हीलाहवाली करती रही।