पुलिसवालों ने महिलाओं संग की शर्मनाक हरकत
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कुशीनगर. यूपी पुलिस का महिलाओं पर रौब ग़ालिब करना और अपनी तथाकथित बहादुरी दिखाना जैसे उनकी कार्यप्रणाली में शामिल हो गया है। आये दिन मानवाधिकारों का उल्लंघन और आम आदमी को जलील करना जैसे पुलिस का जन्मसिद्ध अधिकार हो गया हो। ताजा मामला कुशीनगर का है, जहां पुलिस वालों ने ने भाई को बचाने आई दो बहनों को पुलिस चौकी में बालों से घसीट घसीट कर पीटा। प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव एक तरफ पुलिस की कार्य प्रणाली में सुधार लाने और महिलाओं के प्रति संवेदनशील होने की बात करते हैं तो वहीँ खाकी वर्दीधारी कानों में तेल डालकर उनकी बात अनसुनी कर देते हैं। पुलिसिया जुल्म की जो तस्वीरें सामने आई हैं वे मानवता को शर्मसार कर देने वाली हैं। उससे बड़ी शर्म की बात है कि यह घटना अहिंसा का उपदेश देने वाले भगवान बुद्ध की निर्वाण स्थली से महज कुछ दूरी पर हुई। मीडिया में खबर आने के बाद और एसपी ललित सिंह के छुट्टी से लौटने के बाद एसपी ने चौकी इंचार्ज ईश्वर यादव और तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया है।
पीड़ित युतियों के भाई ने इन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के लिए थाने में तहरीर दी है। पीड़ित परिवार ने राज्य मानवाधिकार और राज्य महिला आयोग को कुशीनगर पुलिस के खिलाफ शिकायती पत्र भेज कर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कुशीनगर जिले के कसया थानाक्षेत्र के चकदेइया गांव में दो पक्षों के बीच पुराना जमीनी विवाद चल रहा था। बीते रविवार एक बार फिर दोनों पक्ष एक दूसरे के सामने आ गए और माहौल अशांत हो गया। अभी दोनों पक्षों के बीच झड़प चल ही रही थी कि सूचना पाकर कसया पुलिस मौके पर पहुंच गयी। पुलिस ने मौके से एक युवक और उसकी दो बहनों को पकड़ा और कुशीनगर पुलिस चौकी ले आई। पुलिस ने भाई बहनों पर पंचायत का फरमान मानने का दबाव बनाया तो युवक ने उसे मारने से मना कर दिया। इस पर पुलिस वालों ने उसे पीटना शुरू कर दिया। भाई को पिटता देखकर बहनें उसे बचने के लिए उससे लिपट गयीं। यह देखकर गुस्साए पुलिस वालों ने दोनों बहनों के बाल पकड़कर खींचा और अलग किया। इसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने अपनी मर्दानगी दिखाते हुए दोनों बहनों की थप्पड़ों से पिटाई शुरू कर दी।वहीँ पुलिस अधिकारी इस मामले पर पर्दा डालने में लगे हुए है। कुशीनगर के एएसपी एसपी द्विवेदी का कहना है कि दोनों पक्षों में भूमि विवाद था और दोनों आपस में भिड़ गए थे। कानून व्यवस्था बिगड़ने के दर से पुलिस उन्हें पकड़कर चौकी पर ले आई थी।