भटकता रहा जो फ़क़ीर उम्र भर , रोटी की तलाश में ,
https://www.shirazehind.com/2013/10/blog-post_7556.html
ना मालूम कौन सो रहा कब्र में , जन्नत नशीं होकर ,
लोग कब्र में भी रूह को , हलकान किया करते हैं ।
भटकता रहा जो फ़क़ीर उम्र भर , रोटी की तलाश में ,
उसकी कब्र पर बैठे खादिम को , सामान दिया करते हैं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
लोग कब्र में भी रूह को , हलकान किया करते हैं ।
भटकता रहा जो फ़क़ीर उम्र भर , रोटी की तलाश में ,
उसकी कब्र पर बैठे खादिम को , सामान दिया करते हैं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन