मनुष्य के अन्र्तमन में ईश्वर का समावेशः अलका
https://www.shirazehind.com/2013/10/blog-post_6774.html
जौनपुर । प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने इस शरदीय नवरात्र को और भी खास बना दिया है। रूहट्टा स्थित चित्रगुप्त धर्मशाला में आयोजित पांच दिवसीय चैतन्य झांकी दर्शनीय और चर्चा का विषय बन गयी है। नवमी तक चलने वाली देवी के विभिन्न जीवन्त स्वरूपों की चैतन्य झांकी का उद्घाटन गुरूवार को क्षेत्राधिकारी नगर कु.अलका भटनागर ने दीप प्रज्वलित कर किया।
नवरात्र के षष्टमी के दिन भव्य पंडाल में कु. श्वेता को मां संतोषी, कु. शिखा को वैष्णव, कु. शालू को मां काली, कु. रानी को मां शीतला, कु. पिंकी को मां दुर्गा, कु. रितिका को मां मैहर देवी, कु. कुसुम को ब्रह्मा कुमारी, कु. स्वाती को मां सरस्वती और धर्मेन्द्र को महिषासुर के रूप में देख श्रद्धालु निहाल हो गये।
इस अवसर पर क्षेत्राधिकारी नगर कु. अलका भटनागर ने कहा कि ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का जनपद में यह पहला और एक अभिनव प्रयास है। यह जीवन्त झांकी हर मनुष्य के अन्र्तमन में ईश्वर का समावेश करता है। यह प्रयास धर्मनिष्ठ जन के लिए एक प्रेरणा है।
इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में श्री दूर्गा पूजा महासमिति के निर्णायक मण्डल की सदस्य डा. शालिनी सिंह श्वेता सिंह अध्यक्ष सीडा प्रदीप सिंह, प्रदीप कुमार उपाध्याय अरविन्द प्रताप सिंह, मौजूद थे। ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की तरफ से डा. नन्द लाल केसरवानी,डा. कृष्ण चन्द्र जायसवाल, डा. मंजू जायसवाल,प्रदीप मिश्र, सुनील मौर्य, के साथ परिवार से जुड़े अन्य साधक पूर्ण मनोयोग के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए हैं।
नवरात्र के षष्टमी के दिन भव्य पंडाल में कु. श्वेता को मां संतोषी, कु. शिखा को वैष्णव, कु. शालू को मां काली, कु. रानी को मां शीतला, कु. पिंकी को मां दुर्गा, कु. रितिका को मां मैहर देवी, कु. कुसुम को ब्रह्मा कुमारी, कु. स्वाती को मां सरस्वती और धर्मेन्द्र को महिषासुर के रूप में देख श्रद्धालु निहाल हो गये।
इस अवसर पर क्षेत्राधिकारी नगर कु. अलका भटनागर ने कहा कि ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का जनपद में यह पहला और एक अभिनव प्रयास है। यह जीवन्त झांकी हर मनुष्य के अन्र्तमन में ईश्वर का समावेश करता है। यह प्रयास धर्मनिष्ठ जन के लिए एक प्रेरणा है।
इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में श्री दूर्गा पूजा महासमिति के निर्णायक मण्डल की सदस्य डा. शालिनी सिंह श्वेता सिंह अध्यक्ष सीडा प्रदीप सिंह, प्रदीप कुमार उपाध्याय अरविन्द प्रताप सिंह, मौजूद थे। ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की तरफ से डा. नन्द लाल केसरवानी,डा. कृष्ण चन्द्र जायसवाल, डा. मंजू जायसवाल,प्रदीप मिश्र, सुनील मौर्य, के साथ परिवार से जुड़े अन्य साधक पूर्ण मनोयोग के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए हैं।