बड़ी समस्या संचार रिक्तता के कारण आती है
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जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवहारिक मनोविज्ञान द्वारा आयोजित काउंसिल स्किल इन हेल्थ प्रोफेशन एण्ड स्कूल्स विषयक चार दिवसीय कार्यशाला के आज तीसरे दिन स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े काउंसिलिंग के विभिन्न आयामों पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने कहा कि हम अपनी मानसिक समस्याओं को अपनों से नहीं कह पाते हैं, वहीं काउंसर से दिल की कहने से ही बहुत सारी समस्याओं का निदान हो जाता है। डिजास्टर हेल्थ मैनेजमेंट पर बोलते हुये सिरसी ओलेतुंजी ने कहा कि आपदा की स्थिति में लोगों को मानसिक रूप से मजबूती देने में काउंसर बहुत बड़ा काम कर रहे हैं। डा. एनालिसी हिंह ने यौन उत्पीड़न के कारण पीडि़ता की मानसिक स्थिति को कैसे नियंत्रित करें, इस पर अपनी बात रखी। काउंसलर रूना गुप्ता ने कहा कि आज सबसे बड़ी समस्या संचार रिक्तता के कारण आती है। हमें अपनों के बीच में इस कमी को दूर करना चाहिये। उन्होंने छात्र/छात्राओं को हरियाणा में चलाये जा रहे हेल्पलाइन के बारे में बताया। कार्यशाला सचिव प्रो. रामजी लाल ने कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में की गयी चर्चा पर प्रकाश डाला। अंतिम सत्र का संचालन डा. एचसी पुरोहित एवं संकायाध्यक्ष डा. अजय प्रताप सिहं ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डा. रेनुका सिंह, प्रो. आरएस सिंह, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. आशुतोष सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिंह सहित तमाम शिक्षक, छात्र/छात्राएं आदि उपस्थित रहे।