देखें हैं खुद के दर्द में तड़फते लाखों ,

दर्द की इन्तिहाँ को , कुछ नए आयाम दे दो ,
 जिंदगी में हर लम्हे को , नए अरमान दे दो । 
 देखें हैं खुद के दर्द में तड़फते लाखों , 
गैरों के दर्द को अब , 
ख़ुशी के परवान दे दो ।
 डॉ अ कीर्तिवर्धन

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