कचहरी डाकघर के भवन का बारजा गिरा, मचा अफरा-तफरी
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जौनपुर। अक्सर ही ऐसा क्यों होता है कि किसी भी सरकारी धन से बनाये गये पुल, सड़क, भवन आदि बनने के कुछ ही समय बाद वह सरकारी व्यवस्था की कलई खोलना शुरू कर देते हैं। इससे इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस निर्माण में कार्यदायी संस्था की लापरवाही, नौकरशाहों की कमीशनखोरी एवं निधि से सम्बन्धित लोगों की अदूरदर्शिता शामिल नहीं है। फिलहाल उपरोक्त के गिरने एवं क्षतिग्रस्त होने के बाद सरकारी जांच बैठा दी जाती है जिसमें शामिल लोगों की जेबें भी गरम हो जाती हैं। कुल मिलाकर मामला ‘ढाक के तीन पात’ वाली कहावत को चरितार्थ करता है, क्योंकि इस हादसे में मरने एवं घायल लोगों की बाद में कोई सुधि नहीं रह जाती है। बशर्ते तत्काल मौके पर पहुंचकर तमाम जनप्रतिनिधि, अधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित लोग लम्बी-चैड़ी भाषणबाजी जरूर कर देते हैं। बता दें कि नगर के जिला कारागार के ठीक बगल स्थित कचहरी डाकघर में तैनात कर्मचारियों के रहने के लिये वहीं बगल में सरकारी आवास बनाये गये हैं जहां तमाम कर्मचारी अपने परिवार के साथ रहते हैं। बीती रात लगभग 11 बजे राम उजागिर यादव नामक एक कर्मचारी के आवास का बारजा अचानक ढह गया जिससे अफरा-तफरी मच गयी। हालांकि इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है लेकिन दिन रहने पर किसी अप्रिय घटना से इनकार भी नहीं किया जा सकता। वहां रहने वालों की मानें तो दो वर्ष पूर्व इसके ठीक बगल वाला बारजा गिर गया था जिसमें 2 लोगों की मौत हो गयी थी। वर्ष 1990 में बनी इस कालोनी का आये दिन बारजा गिरने से कार्यदायी संस्था सहित विभाग पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। भयभीत होकर रह रहे डाक कर्मचारियों ने मामले की जानकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को दे दिया है।