कातिल को मसीहा बताने की

मेरी रजा न समझो , मजबूरियाँ हैं , कातिल को मसीहा बताने की , 
उसके हाथ में खंजर ,नोक पे मेरा कलेजा ,फ़िक्र बच्चों को बचाने की । 
 डॉ अ कीर्तिवर्धन

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