नही रहे महान पार्श्व गायक मन्ना डे
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महान पार्श्व गायक लंबी बीमारी के बाद दुनिया को अलविदा कह गए हैं।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने वाले मन्ना डे 94 वर्ष के थे। वह
काफी समय से बीमार थे। फेफड़े में सक्रमण से जूझ रहे थे। गुरुवार तड़के
करीब चार बजे उन्होंने बंगलुरु के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। चार
महीने से वह इसी अस्पताल में भर्ती थे।
आयु के साथ आने वाली बीमारियों से अधिक कष्ट उन्हें इस बात का हुआ हो
सकता है कि उनकी बेटी और दामाद ने उनके रिश्तेदार पर आरोप लगाया है कि इलाज
के नाम पर उसने बैंक से पैसा निकालकर अपनी पत्नी के नाम कर दिया है। मन्ना
डे कोलकाता में कुछ जमीन भर छोड़ गए हैं और कुछ महीने पहले तक मात्र बारह
लाख रुपए उनके बैंक में जमा थे। इस तरह के विवाद प्राय: मृत्यु के बाद होते
हैं। दुर्भाग्यवश यह उन्हें जीते जी झेलना पड़ा। मन्ना डे समझते रहे कि
‘ऐ भाई जरा देखके चलो, ये सर्कस है शो तीन घंटे का'। मन्ना डे कभी
दुनियादार नहीं रहे, इसीलिए इतने गुणवान होकर भी उन्होंने बहुत धन जमा नहीं
किया और कर लेते तो शायद और कलह होता। धन का अपना महत्व है, परंतु उसके
पीछे पागलों की तरह दौड़कर उसका संचय करना कभी जीवन का ध्येय नहीं हो सकता।