जौनपुर में बेरोक-टोक तेजी से फल-फूल रहा है गोवध व तस्करी का धंधा
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जौनपुर के निर्जन स्थान पर गो तस्करों द्वारा काटकर फेंके गये गोवंशों के शेष भाग छाया-अजय पाण्डेय |
जौनपुर। जनपद के अधिकांश थाना क्षेत्रों के कई गांवों में गोवध व तस्करी का धंधा इस समय खूब तेजी से बेरोक-टोक फल-फूल रहा है जिसके पीछे कहीं न कहीं से किसी विशेष का सहयोग अवश्य प्राप्त है तभी तो लाख शिकायत करने एवं सटीक सूचना देने के बावजूद भी पुलिस के पहुंचते ही मौके से तस्कर सहित सम्बन्धित लोग फरार हो जाते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा सही समय व स्थान बताने के बाद भी आखिर क्यों नहीं लगते गो तस्कर व गोमांस पुलिस के हाथ? इसको लेकर अब प्रश्नचिन्ह उठ रहा है कि कहीं विभाग में ही तो पोल नहीं है? फिलहाल.....! वैसे तो जनपद के अधिकांश थाना क्षेत्रों में यह धंधा तेजी से चल रहा है लेकिन यदि ध्यान दिया जाय तो शहर कोतवाली, सरायख्वाजा, खेतासराय, शाहगंज, सरपतहां, खुटहन के अधिकांश गांव तो इस धंधे को लेकर आये दिन सुर्खियों में रहते हैं जहां से बराबर शिकायत मिलती है लेकिन शिकायत ‘ढाक के तीन पात’ वाली रह जाती है। बता दें कि बीते 15 अक्टूबर को स्थानीय लोगों की सूचना पर खेतासराय पुलिस ने सोंगर गांव से 240 गोवंश को बरामद किया जहां बेरहमी से बांधने एवं ठूंसकर रखने की वजह से 7 मवेशी मर गये थे जबकि स्थानीय लोगों के अनुसार सैकड़ों मवेशी काट दिये गये थे। 17 अक्टूबर की रात आरक्षी अधीक्षक हैप्पी गुप्तन के सरकारी मोबाइल नम्बर 9454400280 सहित खेतासराय व सरायख्वाजा थाना पुलिस को अवगत कराया गया कि लगभग डेढ़ सौ गोवंश भरेठी गांव से कहीं ले जाये जा रहे हैं।
इतना ही नहीं, इस धंधे में लिप्त एक व्यक्ति का नाम भी बताया गया परन्तु आरोप है कि पुलिस ने कोई तत्परता नहीं दिखायी तभी तो 18 अक्टूबर को उन मवेशियों को चिरैयाडीह-भरेठी के बीच स्थित भादी और भरेठी-सोंगर के बीच निर्जन स्थान पर काट दिया गया। इसके बाद जब पिकप पर गोमांस को लादा जा रहा था तो स्थानीय लोगों ने पुलिस की तत्काल सेवा (100 नम्बर) पर डायल करना शुरू किया लेकिन निराशा हाथ लगी तो रात सवा 9 बजे आरक्षी अधीक्षक हैप्पी गुप्तन के सरकारी मोबाइल नम्बर पर सूचना दिया गया कि उक्त गोमांस भरी पिकप जमुहाई से आरा होते हुये चैकियां मार्ग पर चल रही है परन्तु इसे पुलिस की निष्क्रियता कही जाय या फिर....... कि पिकप शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में प्रवेश कर गयी और देखते ही देखते आंखों से ओझल हो गयी। सूचना देने वालों की मानें तो सरायख्वाजा थाने पर फोन लगाया गया तो नहीं लगा लेकिन थानाध्यक्ष खेतासराय से बात हुई तो इसे झूठी बात कहकर झूठा साबित कर दिया गया। इस बात से यह साफ स्पष्ट हो रहा है कि पुलिस का सहयोग करना भी एक अपराध है जबकि जब भी कोई नया आरक्षी अधीक्षक जनपद में आता है तो समाचार पत्रों के माध्यम से कहता है कि बिना जनता के सहयोग से किसी भी अपराध पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है लेकिन उपरोक्त कारण से यह कहना गलत नहीं होगा कि जनता पुलिस का सहयोग कैसे और क्यों करे? बीते 19 अक्टूबर को स्थानीय लोगों की सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचे मीडियाकर्मियों ने गोवंश के अवशेष को देखा और क्षेत्रीय लोगों से बात किया तो बताया गया कि उनके खेतों के पास ही गौ संहार किया गया। रात्रि में बारिश होने से रक्त तो बह गये परन्तु पर्याप्त मात्रा में अवशेष पड़े हैं। उनका कहना है कि आये दिन यहां रात में गोवंश काटे जाते हैं जिसके चलते यहां का माहौल बदबू भरा रहता है। सूचना देने पर पुलिस आती तो है परन्तु सब कुछ हो जाने के बाद। अब जनता का विश्वास स्थानीय पुलिस से हटकर तेज-तर्रार आरक्षी अधीक्षक हैप्पी गुप्तन पर टिक गयी है कि अब गोवध व तस्करी पर अंकुश वही लगा सकती हैं।
जौनपुर। गोवध एवं तस्करी के बारे में पूछे जाने पर क्षेत्राधिकारी नगर अलका भटनागर ने बताया कि इस पर पुलिस विभाग काफी गम्भीर है तथा बीच-बीच में अभियान चलाकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही भी होती रहती है। ऐसा नहीं है कि किसी के द्वारा सूचना देने पर विभाग गम्भीर नहीं होता है। इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुये मौके पर छापेमारी भी की जाती है। इसी का परिणाम है कि आये दिन मवेशियों के साथ गो तस्कर पकड़े जाते हैं। उपरोक्त थाना क्षेत्रों में आये दिन गोवंशों की कटाई के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि इसको गम्भीरता से लिया जायेगा तथा टीम बनाकर जांच-पड़ताल कर इस धंधे में लिप्त लोगों को चिंहित कर कार्यवाही की जायेगी। विभागीय कमी को दरकिनार न करते हुये उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच की जायेगी तथा ऐसे लोगों को चिंहित कर उनके विरूद्ध कार्यवाही होगी।
जौनपुर। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. आईएच खान से इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मेरे विभाग का कार्य बस इतना है कि स्लाटर हाउस में कटने वाले मवेशी स्वस्थ है या नहीं, वह भी भैंसा, गाय नहीं। यहां से मवेशियों (भैंसों) को काटकर बाहर भेजने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस पर विभाग न अनुमति देता है और न ही इसका कोई प्राविधान है।
जौनपुर। नगर पालिका परिषद जौनपुर के अधिशासी अधिकारी संजय शुक्ल का कहना है कि मवेशियों (भैंसों) के कटने का स्थान स्लाटर हाउस है जिसके लिये लाइसेंस जारी होता है लेकिन इस समय किसी को मवेशियों के कटने के लिये अधिकृत नहीं किया गया है। स्लाटर हाउस के अलावा अन्य जगह पर मवेशियों के कटने एवं उसे यहां से बाहर भेजने के बारे मंे श्री शुक्ल ने बताया कि कहीं अन्यत्र कटाई नहीं होती है तथा बाहर न भेजकर केवल यहां बेचने के लिये पालिका प्रशासन लाइसेंस जारी करता है। यदि ऐसा होता है तो जांच करके कार्यवाही की जायेगी।