1000 टन सोने की उम्मीद में खुदाई शुरू
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सपने में सोना देखने वाले एक साधु के दावे की असलियत जानने के लिए उन्नाव जिले के ढौंडिया खेड़ा में खुदाई शुक्रवार को शुरू हो गई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण के विशेषज्ञ खुदाई कर रहे हैं। इस घटना पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं। ढौंडिया खेड़ा गांव में धारा 144 लागू कर दी गई है। खजाने के लिए खुदाई करने से पहले साधु शोभन सरकार ने पूजा-अर्चना की है।
शोभन सरकार ने दावा किया था कि 19वीं सदी के राजा राव रामबख्श सिंह के
डांडिया खेड़ा गांव स्थित किले में एक हजार टन सोना दबा है। उनका अब यह भी
कहना है कि फतेहपुर के आदमपुर गांव स्थित रीवा नरेश के किले में शिव
चबूतरे के पास 2500 टन सोना दबा है।
पत्र में साधु ने दावा किया है कि सरकार चाहे तो उनका आश्रम फतेहपुर
में खजाने की खोज के लिए 10 लाख रुपए देगा। अगर खजाना नहीं मिला तो यह
सुरक्षा निधि सरकार ही रख ले। लेकिन अगर खजाना मिला तो सोने के मूल्य का 20
फीसदी हिस्सा इलाके विकास पर खर्च हो।
विशेषज्ञों के दल ने उन्नाव के किले में दो छेद किए थे। एएसआई के एक
वरिष्ठ अफसर के मुताबिक जमीन से 20 मीटर नीचे कुछ तो है। खुदाई के बाद ही
इस बारे में कुछ पता चलेगा। खुदाई के लिए 150 मीटर क्षेत्र को साफ़ तो करवा
लिया गया है।
उन्नाव जिले से करीब पैसठ किलो मीटर दूर बसा ढौंडिया खेड़ा गांव में
लोगों की चहलकदमी बढ़ गयी है। यहां आने वाला हर शख्स सोने के खजाने को लेकर
उत्साहित है। किले में मौजूद शिवालय के बाईं तरफ करीब 150 मीटर के
क्षेत्रफल में पुरात्तव विभाग ने कई निशान लगाए हैं। पुरात्तव विभाग ने इस
जगह को खोदने की तैयारी कल ही पूरी कर ली थी।
पुरातव विभाग के वरिष्ठ सर्वेक्षक एस बी सिंह ने
बताया कि हम यहां खजाने की तलाश में नहीं आये हैं। प्राचीन चीजें जो खंडहर
हो चुकी हैं उसकी खुदाई कर वहां की सभ्यता और संस्कृति को जानना और समझाना
हमारा प्रमुख काम है। यदि खुदाई के दौरान खज़ाना मिलता है तो वह एक महज
इत्तेफाक होगा। संत शोभन सरकार के भविष्यवाणी के बाद ही पुरातत्व विभाग
क्यों इस किले में खुदाई करा रहा है, इस सवाल पर वह चुप्पी साध गए।