बच्चों की पहली पाठशाला परिवार ही होती है : C .D . O
https://www.shirazehind.com/2013/09/c-d-o.html
जौनपुर / बाल अधिकार परियोजना जौनपुर के अन्तर्गत महिला ग्राम प्रधानों के प्रशिक्षण अनुभवों पर चर्चा हेतु आज कलेक्टेªट राजकीय पुस्तकालय में एक कार्यशाला का आयोजन मुख्य विकास अधिकारी पी.सी. श्रीवास्तव की अध्यक्षता में किया गया ।मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि बच्चों की पहली पाठशाला परिवार ही होती है। सही पालन-पोषण एवं स्वावलम्बी बनाने के लिए उनको सही प्रकार से शिक्षा दीक्षा देना आवश्यक है। आज के बच्चे ही कल के भविष्य है। देश का अच्छा नागरिक बनाने के लिए बच्चे को जन्म से लेकर 18 वर्ष तक उनके सभी अधिकार दिलाना माताओं की जिम्मेदारी है। महिला प्रधान होने के नाते आप सबका दायित्व है कि सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाएं जैसे- सभी प्रकार के टीके लगवाना, पोषाहार,विद्यालय में दाखिला, मध्यान्ह भोजन, ड्रेस, किताबें, आदि उपलब्ध कराना नैतिक दायित्व है। यूनीसेफ द्वारा जिले के 5 विकासखण्डों रामपुर, जलालपुर, शाहगंज, डोभी, केराकत में कार्यक्रम चल रहा है।
जितना अधिकार प्रधान को प्राप्त है उतना अन्य को नही। सरकार और जनता के बीच में नायक की भूमिका है। बालश्रम और बिकलांगता से बचाना आप सबका दायित्व है। बच्चों का सबसे ज्यादा लगाव मा से होता है। हम सबका दायित्व है कि बच्चों को शिक्षा-दीक्षा दिलाकर भारत के एक मजबूत राष्ट्र के नागरिक के रूप में बनाने में सहयोग करें। सात महिला प्रधानों को अपने गांव में जागरूकता बढ़ाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी के हाथों से पुरस्कृत भी किया गया। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी/सचिव बाल उन्मूलन समिति एस.एन.सिंह ने परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। कार्यक्रम का संचालन यूनीसेफ के संजय ने किया। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी पवन कुमार यादव, खण्ड विकास अधिकारी केराकत वीरेन्द्र कुमार, किशोर कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष संजय उपाध्याय, यूनीसेफ के जावेद ,रेशमा ने अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।