डीएम ने की राजस्व, अभियोजन व कानून व्यवस्था की समीक्षा
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जौनपुर। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने स्थानीय कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व, अभियोजन एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक लिया जहां राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुये कहा कि शासन की मंशानुरूप कर्मचारी जनता के कार्यों को सरलता एवं सहजतापूर्वक करें। एक-एक पटल का कार्य देख रहे लिपिकों से जानकारी प्राप्त करते हुये उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया। इस दौरान अभियोजन की समीक्षा में पाया गया कि सत्र न्यायालय में 10 वादों में से 1 सजा हुई जबकि शेेष में दोषमुक्त हो गये जिस पर शासकीय अधिवक्ताओं ने बताया कि गवाह पक्षद्रोही हो गये। फिलहाल सुझाव दिया गया कि मेडिकल जांच के साथ ही मजिस्ट्रेट के सामने बयान कराना आवश्यक है। जिलाधिकारी श्री एलवाई ने शासकीय अधिवक्ताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के नियमों का हवाला अवश्य दिया जाय। गत माह में 80 मामलों में जमानत स्वीकृत की गयी जबकि 63 अस्वीकृत किये गये। जनता को सरल, सुलभ व कम समय में न्याय दिलाना ही न्यायालय का उद्देश्य है। जमीनी विवादों का निस्तारण सिविल न्यायालयों में नहीं होना चाहिये। उन्होंने शासकीय अधिवक्ताओं को लगन व मेहनत के साथ बहस करना चाहिये। जांच कराये जाने पर दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुये श्री एलवाई कहा कि राजस्व एवं पुलिस अधिकारी जमीन सम्बन्धी विवादों में संयुक्त टीम गठित कर त्वरित कार्यवाही करें। कानून से बड़ा कोई नहीं है। कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। इसी क्रम में आरक्षी अधीक्षक हैप्पी गुप्तन ने मातहतों को जनता के लिये सदैव तत्पर रहने का निर्देश दिया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारीद्वय श्यामधर पाण्डेय, राधेश्याम, अपर आरक्षी अधीक्षकद्वय श्रीपति मिश्र, सुरेश्वर, नगर मजिस्टेªट वीके गुप्ता, उपजिलाधिकारी सदर ज्ञानेन्द्र सिंह, क्षेत्राधिकारी नगर अलका भटनागर उपजिलाधिकारी केराकत रितू सुहास, अभियोजन अधिकारी चन्द्रशेखर त्रिपाठी, डिप्टी कलेक्टर पंकज सिंह, रिंकी जायसवाल सहित अन्य उपस्थित रहे।