मैं भारत की बेटी हूँ..
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विश्व बेटी दिवस पर विशेष
संस्कारों की नीव जमाती हर पल आगे बढ़ती जाती , वेद ऋचाओं में भी मैं हूँ आज गगन में पैर जमाती , नहीं किसी से हेठी हूँ मैं भारत की बेटी हूँ | मात पिता की सेवा करती सास ससुर के मन भाती, नन्हे -नन्हे कोमल मन पर ममता का संसार लुटाती , ज्ञान दीप की ज्योति हूँ मैं भारत की बेटी हूँ | धरती,अम्बर और अनल तक विजय ध्वज मैंने फहराया , लक्ष्मी ,सरस्वती और पार्वती देवी जैसा मान भी पाया , ममता की अनुभूति हूँ मैं भारत की बेटी हूँ | सीता जैसी पतिव्रता हूँ राधा जैसी प्रेम दीवानी, जब-जब संकट पड़ा देश पर लक्ष्मी हूँ झाँसी की रानी , अंग्रेजों की काल कटी हूँ मैं भारत की बेटी हूँ | इंदिरा जैसी सत्ता शीर्ष पर कल्पना सी पहचान बनी हूँ, साहित्य में महादेवी हूँ हर घर की मैं रानी हूँ, शिक्षा के दीप जलाती हूँ मैं भारत की बेटी हूँ |
डॉ अ कीर्तिवर्धन ८२६५८२१८००
dhanyawad rajesh ji
जवाब देंहटाएंदोस्तों , आज विश्व बेटी दिवस है यद्यपि बेटियों के लिए कोई दिन निर्धारित नहीं किया जा सकता , उनका तो हर पल ही होता है , फिर भी आज अपनी एक पुरानी कविता बेटियों को समर्पित कर रहा हूँ ......
जवाब देंहटाएंमैं भारत की बेटी हूँ..
संस्कारों की नीव जमाती , हर पल आगे बढ़ती जाती ,
वेद ऋचाओं में भी मैं हूँ , आज गगन में पैर जमाती ,
नहीं किसी से हेठी हूँ , मैं भारत की बेटी हूँ |
मात पिता की सेवा करती , सास ससुर के मन भाती,
नन्हे -नन्हे कोमल मन पर , ममता का संसार लुटाती ,
ज्ञान दीप की ज्योति हूँ , मैं भारत की बेटी हूँ |
धरती,अम्बर और अनल तक , विजय ध्वज मैंने फहराया ,
लक्ष्मी ,सरस्वती और पार्वती , देवी जैसा मान भी पाया ,
ममता की अनुभूति हूँ , मैं भारत की बेटी हूँ |
सीता जैसी पतिव्रता हूँ , राधा जैसी प्रेम दीवानी,
जब-जब संकट पड़ा देश पर , लक्ष्मी हूँ झाँसी की रानी ,
अंग्रेजों की काल कटी हूँ , मैं भारत की बेटी हूँ |
इंदिरा जैसी सत्ता शीर्ष पर , कल्पना सी पहचान बनी हूँ,
साहित्य में महादेवी हूँ , हर घर की मैं रानी हूँ,
शिक्षा के दीप जलाती हूँ , मैं भारत की बेटी हूँ |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
विद्यालक्ष्मी निकेतन
53 -महालक्ष्मी एन्क्लेव ,
मुज़फ्फरनगर -251001 ( उत्तर प्रदेश )
08265821800
a.kirtivardhan@gmail.com
agar thodi si satting ho jaaye to bahut achchaa ho jayegaa , rajesh ji