भूखी अम्मा, भूखी दादी भूखा मैं भी रहता हूँ,,,,,,,,,

बाल श्रम ---

मैं खुद प्यासा रहता हूँ पर
जन जन की प्यास बुझाता हूँ
बालश्रम का मतलब क्या है
समझ नहीं मैं पाता हूँ  |
भूखी अम्मा, भूखी दादी
भूखा मैं भी रहता हूँ,
पानी बेंचूं ,प्यास बुझाऊ
शाम को रोटी खाता हूँ |
उनसे तो मैं ही अच्छा हूँ
जो भिक्षा माँगा करते हैं
नहीं गया विद्यालय तो क्या
मेहनत की रोटी खाता हूँ |
पढ़ लिख कर बन जाऊं नेता
झूठे भाषण, मानवता को धोखा
उससे अच्छा,अनपढ़ रहकर
मानव बनना होगा चोखा |
मानवता की राह चलूँगा
खुशियों के दीप जलाऊंगा
प्यासा खुद रह जाऊंगा पर
जन जन की प्यास बुझाऊंगा |
डॉ अ कीर्तिवर्धन

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