डिस्क पार्टिशन कराया तो ‘‘डेड’’ हो जायेगा ‘लैपटाॅप’
https://www.shirazehind.com/2013/09/blog-post_5747.html
जौनपुर। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना लैपटाॅप वितरण योजना के तहत इण्टरमीडिएट छात्रों को दिये गये लैपटाॅप में एक बड़ी समस्या सामने आने लगी है। छात्रों की मानें तो उस लैपटाॅप को अन्य कम्प्यूटरों की अपेक्षा डिस्क नहीं बनाया जा सकता। अगर किसी छात्र द्वारा ऐसा किया जाता है तो लैपटाॅप करप्ट होने की संभावना अधिक रहती है। फिलहाल यह लैपटाॅप बनाने वाली कम्पनी ने क्यों किया, यह तो वही जानें। गौरतलब हो कि प्रदेश सरकार लैपटाॅप वितरण योजना के तहत जिले के छात्रों को लैपटाॅप वितरित किया गया और वित्तपोषित कालेजों के छात्रों को लैपटाॅप देने के लिये दूसरी खेप भी आ गयी। इसके पूर्व लैपटाॅप प्राप्त कर चुके छात्रों ने बताया कि लैपटाॅप में एक बड़ी खामी है कि उसमें ‘डिस्क पार्टिशन’ नहीं हो पायेगा। ‘डिस्क पार्टीशन’ न होने से छात्र छात्राओं को एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
दिये गये लैपटाॅप में केवल एक ही डिस्क ‘लोकल डिस्क सी’ के नाम से है जिसमें छात्र-छात्राएं अपनी फाइलों को रखने को मजबूर है। लैपटाॅप में महत्वपूर्ण फाइलें भी रखने से छात्र-छात्राएं कतराते हैं। बताते चलें कि एक ही डिस्क होने से सभी फाइलें उसी में रखी जा रही हैं। अगर इस डिस्क में महत्वपूर्ण फाइलें रखी जाती हैं और कभी कम्प्यूटर में वाॅयरस आ गया तो कम्प्यूटर फाॅरमेट कराने की आवश्यकता पड़ सकती है। अगर कम्प्यूटर फाॅरमेट कराया गया तो वह महत्वपूर्ण फाइलें भी डिलीट हो जायेंगी औैर उस फाइल की रिकवरी करना टेढ़ी खीर साबित हो सकती है। फिलहाल लैपटाॅप में ऐसा क्यों किया गया, यह तो कम्पनी ही बता पायेगी? इस सन्दर्भ में जब एक छात्र ने कम्पनी के कस्टमर केयर पर फोन करके पूछा तो उसने बताया कि लैपटाॅप में पार्टिशन नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा किसी छात्र द्वारा किया भी जाता है तो लैपटाॅप खराब हो सकती है।
दिये गये लैपटाॅप में केवल एक ही डिस्क ‘लोकल डिस्क सी’ के नाम से है जिसमें छात्र-छात्राएं अपनी फाइलों को रखने को मजबूर है। लैपटाॅप में महत्वपूर्ण फाइलें भी रखने से छात्र-छात्राएं कतराते हैं। बताते चलें कि एक ही डिस्क होने से सभी फाइलें उसी में रखी जा रही हैं। अगर इस डिस्क में महत्वपूर्ण फाइलें रखी जाती हैं और कभी कम्प्यूटर में वाॅयरस आ गया तो कम्प्यूटर फाॅरमेट कराने की आवश्यकता पड़ सकती है। अगर कम्प्यूटर फाॅरमेट कराया गया तो वह महत्वपूर्ण फाइलें भी डिलीट हो जायेंगी औैर उस फाइल की रिकवरी करना टेढ़ी खीर साबित हो सकती है। फिलहाल लैपटाॅप में ऐसा क्यों किया गया, यह तो कम्पनी ही बता पायेगी? इस सन्दर्भ में जब एक छात्र ने कम्पनी के कस्टमर केयर पर फोन करके पूछा तो उसने बताया कि लैपटाॅप में पार्टिशन नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा किसी छात्र द्वारा किया भी जाता है तो लैपटाॅप खराब हो सकती है।
प्रिय राजेश जी लगता है माल दबा लिया गया कमाई कमीशन ऐसे ही तो बचाया जाता है
जवाब देंहटाएंचाहे सिविल में देखें सीमेंट खा लेंगे सड़कों की गिट्टी पुल का सरिया तो लैपटाप बेचारा बिना अपनी किडनी डी ड्राइव गंवाए कैसे रह सकता है धोखा है ये तो बच्चों से ..फार्मेटिंग तो करानी ही पड़ेगी
भ्रमर ५