भारी बारिश के बाद आब जौनपुर के एक गांव को संक्रामक रोगों ने अपने अगोश में ले लिया हैै। इस गांव के आधा दर्जन बच्चें चेचक से पीडि़त है और एक दर्जन से अधिक लोग डायरिया की चपेट में आ गये है। ये बेचारे अपने बच्चो का इलाज झोला छाप डाक्टरों से करा रहे है। उधर स्वास्थ महकमा गहरी नींद सो रहा है।
वीओ- जौनपुर मुख्यालय से करीब बीस किलोमीटर दूर शाहगंज तहसील के भरेठी गांव में इस समय महामारी आ गयी है। इस गांव का हर बच्चा विमार है। सभी उल्टी और दस्त से पीड़ित है । इसमें किसी बच्चे की हालत इतनी खराब है कि उन्हे 11 बोतल ग्लूकोज चढ़ा कर उनकी जान बचायी गयी है। आज भी कई बच्चो का इलाज झोला छाप डाक्टर के सहारे चल रहा है।
बाईट- संतोष कुमार विमार बच्चो का पिता
वीओ- जब इस बात की जानकारी मीडिया द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी गयी तब उन्होने डाक्टरों की टीम गांव में भेजा। यह तो संयोग अच्छा था कि मां बाप ने समय रहते बच्चों का इलाज अपने स्तर से करा लिया अगर स्वास्थ विभाग के सहारे रहते तो शायद कईयों की जाने जा चुकी होती। जौनपुर में डायरिया ने पसारा पांव तीन दर्जन विमार