अंततः टूट ही गयी कैंसर से पीडि़त राजेश यादव की सांसें

  जौनपुर। बात यहां ख्यातिलब्ध पहलवान स्व. दुखरन यादव के एकलौते पुत्र राजेश यादव की हो रही है जो पिछले कई महीनों से ब्लड व गले के कैंसर से पीडि़त होकर जीवन व मौत के बीच संघर्ष करते हुये अंततः थक गया और हमेशा के लिये सो गया। मालूम हो कि केराकत के नरहन गांव निवासी पहलवान दुखरन पहलवान का पुत्र राजेश यादव 28 वर्ष कैंसर रोग की चपेट में आ गया जिसकी जानकारी परिजनों को हुई तो भाग-दौड़ शुरू हो गयी। जांचोपरांत पता चला कि राजेश को ब्लड एवं गले का कैंसर है जिसको लेकर चिंतित परिजन जगह-जगह चक्कर लगाने के साथ पीजीआई गये तो घर ले जाने की सलाह दी गयी। आर्थिक रूप से कमजोर राजेश के परिजन चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे थे, क्योंकि वह पूरी तरह से गरीब थे। आर्थिक संकट के चलते चलते बीती शाम राजेश की मौत हो गयी। उसके मौत के बाद जैसे परिवार पर पहाड़ टूट गया हो। एक तरफ जहां पत्नी अपनी सुध-बुध खो दी, वहीं दूसरी तरफ अबोध बच्चे अपने पापा को ढूढ़ रहे हैं। घर का एकमात्र कमासूत राजेश के माता-पिता तो पहले ही उसे छोड़ चुके थे। घर में उसके अलावा उसकी पत्नी, 4 मासूम बच्चे एवं एक बिन ब्याही बहन है। सभी केवल यही सोच रहे हैं कि अब उनका अपना कौन है जो उन्हें सहारा देगा और कैसे चलेगी उन लोगों के जीवन की गाड़ी

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