जनता ने कहा डाक्टर के रूप कुछ डाकू तैनात है जौनपुर अस्पताल में ?
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प्रदेश की जनता को मुफ्त दवाई देने का अखिलेश सरकार का दावा जौनपुर में खोखला साबित हो रहा है। यहाँ पर डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी के चलते गरीबो का इलाज नही हो पा रहा है। आपातकाल में वार्ड बॉय और सुईपर मरहम पट्टी ना करे तो मरीजो का जान बचना मुश्किल हो जाता है।
45 लाख से अधिक आबादी वाले जिले में कुल 21 ब्लाक है इसके आलावा आजमगढ़ की सीमा सटे होने के कारण वहाँ से भी भारी संख्या में मरीज इलाज के लिए यहाँ आते है। जौनपुर जिला अस्पताल में कुल 35 डाक्टरों का पद है लेकिन यहाँ पर 24 ही चिकित्सक मरीजो का इलाज कर रहे है। रेडियो लाजिस्ट ना होने कारण गरीबो को बहार से एक्स रे और अल्ट्रा साउंड करना पड़ता है ,पैथोलोजिस्ट ना होने से मरीज प्राइवेट लैबो में ठगे जा रहे है। पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी के चलते तीमारदार खुद अपने मरीज का देखभाल करते है। इतना ही नही डाक्टर रूप में तैनात कुछ डाकू बेगौर पैसा लिए मरीजो को हाथ तक नही लगते। महिला चिकित्सालय की हालत तो बहुत ही नाजुक है यहं पर 21 डाक्टरों के स्थान पर मात्र 7 चिकित्सक ही तैनात किये गये है और 30 स्टाफ नर्सो के स्थान पर मात्र 15 ही सिस्टरो से काम चलाया जा रहा है। यह सीरियस हालत उस अस्पताल की है जहाँ पर पूरे जौनपुर के आलावा आजमगढ़ , सुल्तानपुर और आंबेडकरनगर के पेसेंट आते है। एक तरफ डाक्टरों की कमी दूसरी तरफ प्रशासनिक हनक की कमी के कारण मरीजो का इलाज करना तो दूर की बात उनके साथ धक्का मुक्की की जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने स्टाफ की कमी तो स्वीकार कर लिया है लेकिन बहार की लिखी जा रही दवाओ के बारे पूरी तरह अनभिज्ञता जताई है
पूरे जिले में 21 अस्पताल है लेकिन मैन पावर की कमी के कारण मात्र पांच ही चिकित्सालय में मरीजो का इलाज हो रहा है बाकी सब शासन की लापरवाही के चलते खुद वेंटिलेटर पर है
क्या यही है सपा सरकार का मुफ्त दवाई मुफ्त दवाई देने का वादा।