जेल में डॉन ने किया लालू का स्वागत, खाने को मिलेगा मीट भात


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आज छठी बार जेल जाना पड़ा। केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने अरबों रुपये के चारा घोटाले के मामले में यादव को दोषी करार दिया जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जेल में कुख्यात धनंजय प्रधान के नेतृत्व में 22 कैदियों ने जेल के अंदर उनका स्वागत किया। इसके बाद लालू प्रसाद यादव को अपर डिविजन सेल में ले जाया गया। इसी सेल में झारखंड पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को रखा गया था। लालू चाहें तो उन्हें मीट-भात भी मिल सकता है। लालू को वे सारी सुविधा दी गई है, जो अपर डिविजन कैदी को मिलनी चाहिए। इस मामले में सजा पर फैसला तीन अक्टूबर को सुनाया जायेगा। यादव को इससे पूर्व चारा घोटाले से हीं जुड़े नियमित मामले 47 ए 96 में 26 नवम्बर 2001 को जेल जाना पड़ा था। उस समय उन्हें 59 दिन जेल में रहना पड़ा। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के नियमित मामले 5 ए 98 में जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद पटना में ब्यूरो की विशेष अदालत ने एक दिन के लिए 28 नवम्बर 2000 को न्यायिक हिरासत में केंद्रीय आदर्श कारागार बेऊर भेज दिया था। इससे पहले इसी मामले में यादव पांच अप्रैल 2000 को तब जेल गये थे जब सीबीआई की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण के बाद न्यायाधीश ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। यादव की यह तीसरी जेल यात्रा थी। इस मामले में उन्हें 11 मई को तीन माह के औपबंधिक जमानत पर केन्द्रीय आदर्श कारागार बेउर से रिहा किया गया था। यादव चारा घोटाले के ही दो अन्य मामलों में भी जेल जा चुके है। पहली बार वह 30 जुलाई 1997 में चारा घोटाले के नियमित मामले 20 ए 96 में 134 दिनों के लिए जेल गये थे और उसके बाद उन्हें 28 अक्टूबर 1998 को चारा घोटाले के ही नियमित मामले 64 ए 96 में 73 दिनों के लिए दोबारा जेल जाना पड़ा था।

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