मनरेगा में खुल रही धांधली की पोल

       

जौनपुर: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। ग्राम पंचायतों में योजना के धन को खर्च करने के नाम पर जमकर लूट की जा रही है। यह बात तब सामने आ रही है जब जिला स्तरीय आडिट टीम खर्च किए गए धन की जांच कर रही है।
गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा लागू किया है। रोजगार देने के लिए लोगों को जाब कार्ड जारी किए गए है। शासन से ग्राम पंचायतों को धन उपलब्ध कराया जाता है। काम कराने के लिए ग्राम पंचायत से कार्ययोजना बनाया जाता है। पांच लाख तक की कार्ययोजना पर संबंधित ब्लाक का बीडीओ और उससे ज्यादा की कार्ययोजना पर जिला स्तरीय अधिकारियों से अनुमति लेनी होती है। किन्तु ग्राम पंचायतें कोई नियम-कायदे नहीं मानती है। 2011-12 में जिले के 1514 ग्राम पंचायतों में 81 ग्राम पंचायतों ने दस लाख से ज्यादा खर्च कर दिया।



जिला स्तरीय अधिकारियों के नेतृत्व में गठित सोशल आडिट टीम ने इन ग्राम पंचायतों की दो बार जांच किया। इसके बाद शासन के निर्देश पर इन ग्राम पंचायतों का फिर से सोशल आडिट का आदेश जारी कर दिया। जिसके चलते फिर से विभाग ने मनरेगा के जिला कोआर्डिनेटर के नेतृत्व में इन ग्राम पंचायतों की जांच करने के लिए कई टीम गठित कर दिया। जांच शुरू होते ही धांधली की बात सामने आनी शुरू हो गई।
सबसे पहले टीम ने महराजगंज ब्लाक के पोखरा गांव की जांच की। जहां दो लाख का भुगतान बगैर काम कराए ही कर दिए जाने की शिकायत मिली। वही 1.15 लाख रुपये को बगैर कार्ययोजना के ही खर्च कर दिया गया। वही रामपुर ब्लाक के रसूलहां गांव में 6.49 लाख रुपये का कोई हिसाब नहीं मिला था। टीम को कई ग्राम पंचायतों में फर्जी नामों से भी भुगतान करने की शिकायत मिली है। हालांकि अभी सभी ग्राम पंचायतों की सोशल आडिट का काम पूरा नहीं हुआ है।
नहीं हो रही जांच
वित्तीय वर्ष 2011-12 में दस लाख से ज्यादा खर्च करने वाली ग्राम पंचायतों की जांच इन दिनों नहीं हो रही है। कारण बताया जा रहा है कि जांच अधिकारी नामित किए गए मनरेगा के जिला कोआर्डिनेटर प्रशिक्षण के लिए बाहर गए है। जिसके चलते जांच नहीं हो रही है। वही संबंधित ग्राम पंचायत अपने रिकार्ड को फिट करने में जुटे है।
होगी कार्रवाई :पीडी
पीडी सत्येंद्र नाथ चौधरी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2011-12 में दस लाख से ज्यादा खर्च करने वाली ग्राम पंचायतों की फिर से सोशल आडिट कराई जा रही है। अभी सोशल आडिट टीम की रिपोर्ट नहीं मिली है। जिन ग्राम पंचायतों में धांधली की बात सामने आएगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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