मैं स्वर उधार मांगता हूं

मैं स्वर उधार माँगता हूँ,

बदले में लिख कर देता हूँ,
मेरे गीतों को स्वर दे दो,
मैं यही अर्चना करता हूँ।

कोई तो हम में होगा,
जो गा के हमें सुनाएगा,
कोई तो ऐसा होगा,
मेरे गीत गुन गुनायेगा।

मेरे गीतों की चर्चा,
कहीं तो होती होगी,
मेरी ये कृष्ण भावना,
किसको मनभावन होगी।

कोई तो इन गीतों को,
अपने स्वर में गाएगा,
आदित्य की प्रेमभक्ति,
को कोई तो सरग़म देगा।

मैं कविता लिख सकता हूँ,
गीतों की रचना कर सकता हूँ,
आदित्य नहीं पर अपने शब्दों,
को अपना ही स्वर दे सकता हूँ।

मेरे मन मानस को कोई तो,
अपना होगा जो समझेगा,
आदित्य के गीतों को गाकर,
अपने स्वर में हमें सुनायेगा।

कर्नल आदि शंकर मिश्र
जनपद लखनऊ।

Related

जौनपुर 6844677635945366113

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item