अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय की व्यवस्था लुंज—पुंज
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जौनपुर। अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में डाक्टर समय से उपस्थित नहीं रहते हैं जिसके चलते दूर—दराज से आए मरीज सहित उनके तीमारदार हलाकान व परेशान होकर इधर—उधर भटकते नजर आते हैं। ऐसे में 'अंधेर नगरी चौपट राजा', 'टका सेर भाजी—टका सेर खाजा' की कहावत चरितार्थ होती दिख रही है।
बता दें कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. केके राय के नेतृत्व में चल रहे जिला अस्पताल में पूर्णतः दलाल कार्यरत दिखते हैं जो मरीजों को गुमराह कर उन्हे सम्बंधित डॉक्टरों से मिलने—मिलाने हेतु बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। इससे उनका अपना व डॉक्टर साहब की चांदी लगातार कट रही है जिससे दोनों मालमाल एवं मरीज व तीमारदार कंगाल हो रहे हैं। इसको लेकर अस्पताल प्रशासन को सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है। दलाल भी आखिर सक्रिय क्यों न हो, जब जिला अस्पताल में मरीजों को देखने—दिखाने का समय प्रातः 8 बजे से 2 बजे दोपहर तक है परन्तु डॉक्टर साहब 9 बजे पहुंचे तो निश्चित रूप से दलालों का मनोबल ऊंचा होगा।
बताते चलें कि 20 जुलाई दिन गुरूवार की सुबह जब पत्रकारों की टीम प्रात: 8 बजे पहुंची जो 9 बजे तक में पूरी ओपीडी में नीचे नम्बर 9 से 19 और उपर 30 से 39 के रूम तक गयी। देखने को मिला कि मात्र 2 डॉक्टर और राउंड में सिर्फ एक डाक्टर जिनका नाम डा. सैफ बताया गया, मिले। इसके अलावा कोई भी नहीं मिला और न ही कहीं कोई दिखा। कुल मिलाकर वर्तमान में जिला अस्पताल में घोर लापरवाही बरती जा रही है जिसके चलते मरीज एवं तीमारदार परेशान होकर इधर—उधर भटकते नजर आ रहे हैं। निश्चित तौर पर यह विभाग के उचस्थ अधिकारियों की ढिलाई मानी जा रही है। समय से डाक्टरों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति न होना भी अनुशासनहीनता को प्रदर्शित करता है जिसकी ओर जिलाधिकारी एवं मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट होना अति आवश्यक है।