उधार राशन लेकर अपने बाल बच्चों का भरण पोषण कर रही हैं रसोइयां कर्मचारी, कैसे मनेगी दीवाली
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जौनपुर। प्राथमिक विद्यालय के नन्हे मुन्नों बच्चों को माँ की तरह भोजन बनाकर खिलाने वाली रसोइयों को पिछले 7 माह से मानदेय नहीं मिला है। आलम यह है कि अब ये लोग खुद भुखमरी की कगार पर आ गए हैं। ये महिला कर्मचारी बनिये की दूकान से उधार राशन लेकर अपने बाल बच्चों का भरण पोषण कर रही हैं। सप्ताह भर बाद रोशनी का त्योहार है लेकिन अगर रसोइयों को उचित मानदेय ना मिला तो इनके घरों में अंधेरा छाने का आसार नजर आ रहा है।
जिले में आठ हजार 756 रसोइयों तैनात है , इन लोगो को मात्र 15 सौ रुपये मानदेय मिल रहा था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर आने के साथ ही इनका मानदेय आना बंद हो गया । अप्रैल माह से इन लोगों को मानदेय का एक पैसा नही मिला है । ये लोग राशन की दुकान सामान उधार लेकर अपना पेट भर रही है ।
इनका रोना है कि हम लोग खाना बनाने के अलावा स्कूल की साफ सफाई भी करती हूं , हाड़तोड़ मेहनत के बावजूद मात्र डेढ़ हजार रुपये मिलता है , हम लोगो को कम से कम 5 हजार रुपये मिलना चाहिए ।